Agniveer Scheme, Agnipath Scheme, Review Committee : बीजेपी का गठबंधन चुनाव 300 सीटों पर नहीं पार होने के बाद, मोदी सरकार ने अपनी नीतियों की समीक्षा शुरू की है। विभिन्न राज्यों में युवा सेना की बड़ी संख्या के वोटों का खो जाना, इस बारे में सरकार को गहरे विचार करने के लिए मजबूर किया है। इस दिशा में अग्निपथ स्कीम की पड़ताल शुरू की गई है।
Agnipath Scheme : अग्निपथ स्कीम की पड़ताल शुरू
नरेंद्र मोदी की 3.0 सरकार ने 10 प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों के एक समूह को अग्निपथ योजना की समीक्षा के लिए चुना है। इस समूह को सशस्त्र बलों की भर्ती योजना को अधिक आकर्षक बनाने के तरीके सुझाने का काम दिया गया है। सरकार चाहती है कि अग्निपथ स्कीम की हर कमी को जल्द से जल्द दूर किया जाए।
Agnipath Scheme : समूह की रिपोर्ट 16 जून से पहले तैयार की जाएगी
प्रधानमंत्री के सामने इस समूह की रिपोर्ट पेश करेगा। सूत्रों के मुताबिक इस समूह की रिपोर्ट 16 जून से पहले तैयार की जाएगी और प्रधानमंत्री कार्यालय में एक विस्तृत प्रस्तुति की जाएगी। राज्यों सहित अन्य हितधारकों से सिफारिशों और फीडबैक की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय योजना में बदलावों पर अंतिम फैसला करेगा।
Agnipath Scheme : अग्निवीरों को चार साल के कार्यकाल के लिए भर्ती
अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों को चार साल के कार्यकाल के लिए भर्ती किया जाता है, जिसके दौरान उन्हें मासिक वेतन और अन्य लाभ मिलते हैं। यह योजना सरकार को बचत कराती है और सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती को बढ़ावा देती है।
इसके साथ ही, सरकार को इस योजना के खिलाफ आंदोलन कर रहे विपक्षी दलों की भी ध्यान देने की आवश्यकता है। विपक्ष के मुताबिक, इस योजना के तहत अग्निवीरों को नौकरी की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती है। इस पर महंगाई का मुद्दा उनके खिलाफ उठाया जा रहा है।अग्निपथ स्कीम की समीक्षा के बाद, सरकार की योजना के तहत बदलाव कितने सार्थक और कारगर साबित होते हैं, यह देखने को मिलेगा।