Vishnu Puran Secrets : गर्मी से हो रहे बेहाल, घर बनाने में आ रही समस्या, विष्णु पुराण की इस भविष्यवाणी में छिपा है राज, जानकर हैरान रह जाएंगे आप

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Vishnu Puran, Vishnu Puran Secrets, Astrology : विष्णु पुराण की इस भविष्यवाणी को जानकर आप हैरान रह जाएंगे। इस पुराण में कलियुग की स्थिति और उसकी अन्तिम घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो आजकल की धरती पर हो रही घटनाओं के साथ-साथ बहुत ही समझने योग्य हैं।

इस भविष्यवाणी के अनुसार, कलियुग विशेष रूप से विभिन्न प्रकार की नासमझी, अस्वस्थता और आपसी विवादों की घटनाओं से भरा होगा।

Vishnu Puran Secrets : धीरे-धीरे बढ़ती गर्मी

पुराण के अनुसार, कलियुग का समय धीरे-धीरे बढ़ती गर्मी के साथ बीतेगा। विष्णु भगवान के सूर्य की किरणों से जल और स्थल की सूखा प्रकृति में आ जाएगी, जिससे अच्छी बरसात की अवधि में कमी आएगी। इससे विकासशील और कृषिकर्म पर भी असर पड़ेगा। दरअसल, गर्मी और बरसात में बदलाव का अनुमान आपातकाल के संकेतों के रूप में माना जा सकता है।

Vishnu Puran Secrets : जीवन की आयु में भी कमी

विष्णु पुराण इसके अलावा भी कहता है कि कलियुग के अंत के पास जीवन की आयु में भी कमी आएगी। यहां तक कि लोगों की आयु भी केवल 20 वर्ष ही बचेगी। इस संकेत को देखकर विचार किया जा सकता है कि विशेष रूप से बच्चों और युवाओं के जीवन का अवलोकन करना महत्वपूर्ण होगा।

Vishnu Puran Secrets : सदाचार और लोकाचार की कमी

इसके अतिरिक्त, कलियुग में धर्म, सदाचार और लोकाचार की कमी भी होगी। लोगों का ध्यान मुख्य रूप से धन और स्वार्थ पर ही रहेगा, जिससे समाज में भ्रष्टाचार, असमानता और दुर्भावना का विकास हो सकता है। इस समय में पाखंडी और धर्म के खिलाफी तत्वों का बढ़ना देखने को मिलेगा।

यहां तक कि कलियुग में विभिन्न विधाओं और दर्शनों के बीच झगड़े और विवाद भी बढ़ सकते हैं, जो समाज की एकता और संरक्षण को खतरे में डाल सकते हैं। इस समय में मानव समाज को अपने सभी धर्मात्मक और नैतिक मूल्यों को संभालने की आवश्यकता होगी, ताकि वह अपनी स्थिति को सुधार सके और इस अंतिम युग को संवर्धन कर सके।

इस प्रकार, विष्णु पुराण की भविष्यवाणी न केवल भविष्य की दिशा में हमें जानकारी देती है, बल्कि इससे हमें वर्तमान समय की चुनौतियों को समझने और सुलझाने की भी प्रेरणा मिलती है। यह समय हमें धर्म, सदाचार, और सामाजिक समृद्धि के माध्यमों को स्थापित करने के लिए संकेत देता है, ताकि हम समृद्ध और समर्थ समाज के निर्माण में योगदान कर सकें।