मंदसौर/भोपाल- मध्य प्रदेश के मंदसौर में बुधवार को कर्फ्यू के बावजूद आंदोलनकारी किसान शांत होने का नाम नहीं ले रहे हैं। आंदोलनकारियों ने एक कारखाने और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया है। मंदसौर शहर व पिपलिया मंडी में लागू कर्फ्यू बुधवार को भी जारी है। गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों और किसानों ने बरखेड़ा पंत पर चक्काजाम कर दिया है। दूसरी ओर राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ और कांग्रेस ने भी आज (बुधवार) बंद का आह्वान किया है, जिसके कारण कई स्थानों पर सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है।
मंदसौर में मंगलवार को हुई हिंसा की आग बुधवार को और धधक उठी है। कर्फ्यू लागू होने के बावजूद किसानों ने पिपलिया मंडी स्थित एक फैक्टरी में आग दी और बही चौपाटी इलाके में तीन बड़े वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस बीच, किसान आंदोलन के दौरान मंगलवार को पिपलिया मंडी क्षेत्र में हुई पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों की संख्या को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
जिलाधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बुधवार को आईएएनएस से मृतकों की संख्या पांच बताई, जबकि आम किसान यूनियन के केदार सिरोही ने कहा कि “पाटीदार समाज से प्राप्त सूचना के मुताबिक सिर्फ पाटीदार समाज के ही छह लोग मारे गए हैं। यह संख्या ज्यादा भी हो सकती है।” किसानों ने बरखेड़ा पंत गांव से गुजरने वाले मार्ग को जाम कर दिया है। गोलीबारी में मारे गए छात्र अभिषेक पाटीदार के शव को सड़क पर रखकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलनकारियों ने मृतक किसानों को शहीद का दर्जा देने की मांग की है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने किसानों की मौत पर बुधवार को प्रदेश बंद का आह्वान किया है। इस बंद का कांग्रेस ने भी समर्थन किया। बंद के कारण राज्य के कई हिस्सों में सामान्य जनजीवन पर असर पड़ा है। नीमच, उज्जैन, झाबुआ, भोपाल में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला है।
ज्ञात हो कि राज्य में फसल के उचित दाम और कर्ज माफी को लेकर किसान एक जून से हड़ताल पर हैं। 10 जून तक चलने वाली हड़ताल के छठे दिन मंगलवार को किसान पिपलिया मंडी में सड़क पर उतरकर आए थे। इसी दौरान पुलिस से उनकी झड़प हो गई और पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने किसानों पर गोलीबारी शुरू कर दी। गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। किसानों की मौत के बाद आंदोलन अधिक उग्र हो उठा। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को 30 से ज्यादा वाहन फूंक डाले। प्रशासन ने हिंसा के मद्देनजर मंदसौर व पिपलिया मंडी में कर्फ्यू लगा दिया।
एसपी-कलेक्टर पर कहां हमला हुआ..?
मंदसौर जिले के बरखेड़ा पंत में फायरिंग में मारे गए स्टूडेंट अभिषेक का शव रोड पर रखकर किसान चक्का जाम कर रहे थे। इनकी मांग थी कि सीएम शिवराज सिंह यहां आएं और फायरिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का वादा करें। एसपी ओपी त्रिपाठी और कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह इसी मामले को सुलझाने के लिए बरखेड़ा पंत पहुंचे थे। तभी एक किसान ने कलेक्टर को पीछे से सिर पर चांटा मारा। लोगों ने उनके साथ बदतमीजी की। उनके कपड़े फाड़ दिए।
हालांकि, बाद में अभिषेक के परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गए। कलेक्टर ने अभिषेक के परिजनों को उसका स्मारक बनाने का आश्वासन दिया।