रायपुर शहर को श्मशान घाट बनने से रोकें.. वायएमएस ने शहर में की कर्फ्यू की मांग..

रायपुर। रायपुर शहर में लगभग 300 कोरोना संक्रमितों की मौत महज 3 महीने के भीतर हो चुकी है। रायपुर में लगभग 13 हजार से अधिक कोरोना के एक्टिव मरीज हैं। ऐसे में जब संक्रमण बढ़ रहा है तो बाजार में भीड़ बढ़ रही है। वायएमएस (योगा,म्यूजिक, स्पोर्ट्स) फाउंडेशन, रायपुर में सख्त कर्फ्यू की मांग करता है। संस्था के अध्यक्ष बॉबी सिंह होरा ने कहा कि दुर्ग, मुंगेली और राजनांदगांव में बढ़ते संक्रमण की वजह से लॉकडाउन किया जा चुका है। फाउंडेशन के उपाध्यक्ष डॉ यूसुफ मेमन ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कोरोना जांच के दायरे को बढ़ाने का प्रयास होना चाहिए। संस्था के सिद्धार्थ पारेख ,सुरेश छाबड़ा ने बताया कि लॉकडाउन होने से संक्रमितों की जांच कर उनकी पहचान होगी, भीड़ नहीं होगी तो संक्रमण का फैलाव कम होगा। संस्था के अमित जैन व महेंद्र सिंह होरा ने कहा कि लोगों पर नियंत्रण होगा तो आसानी से सभी को अस्पताल में सुविधा मिलेगी। फाउंडेशन के अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि व्यापारी वर्ग को खुद सामने आकर बाजार बंदर करने की पहल करनी चाहिए। इस समय में जनहित सबसे ऊपर है।

वायएमएस के सुझाव

● राजधानी रायपुर में कर्फ्यू लागू कर कोविड टेस्ट बढ़ाए प्रशासन और सरकार।

● कर्फ्यू लगने से संक्रमण का फैलाव कम होगा, कम संक्रमित होंगे तो लोगों को अस्पताल और बेड की सुविधा आसानी से मिलेगी।

● रोज कमाकर परिवार पालने वालों को वॉर्ड स्तर पर प्रशासन, सामाजिक राजनैतिक संगठन, औद्योगिक घराने, मोहल्ले के संपन्न व्यक्ति भोजन, दवाएं, रोजमर्रा के जरुरी सामान देने में मदद करें।

● संक्रमण ना बढ़े इस विचार से देश को लॉकडाउन किया गया था

● असल में अब लोगों के बाहर निकलने पर रोक लगनी चाहिए, जब से शहर में भीड़ बढ़ी संक्रमण भी बढ़ा, मौतें भी।