अम्बिकापुर –देश दीपक”सचिन”
आदिवासी बाहुल्य सरगुजा संभाग की दिव्यांग बेटीयो ने कक्षा बारहवी में 67% अंक हासिल कर के सभी को हैरत में डाल दिया है…आँखों से देख ना पाने के बावजूद इन्होंने ने यह कमाल कर दिखाया है ..अपनी परीक्षा राइटर के सहयोग से दी और परिणाम आने पर उनकी काबिलियत सबके सामने है। सरगुजा को आदिवासी बाहुल्य होने कारण बहोत पिछड़ा क्षेत्र माना जाता रहा है लेकिन यहाँ के वनों में रहने वाले वनवासियों की प्रतिभा का जवाब नहीं…
छत्तीसगढ़ सीबीएसई बोर्ड के एग्जाम में जशपुर जिले में कांसाबेल की संध्या पैकरा और सरगुजा जिले के लुंड्रा के साहनपुर गाँव की रहने वाली माधुरी मरावी ने बारहवी की परीक्षा 67% अंक के साथ उत्तीर्ण की है। सरगुजा की ये शान राजधानी रायपुर के शासकीय दृष्टी श्रवण बाधित अर्थ विद्यालय मठपुरैना में पढ़ रही थी । और इस परिणाम के बाद शारीरिक लाचारी के बावजूद इनकी हिम्मत और भी बढ़ है। अब ये साहसी बेटियां आगे की पढ़ाई अंबिकापुर के कॉलेज मे करना चाहती है। निश्चित ही इनकी लगन और पढ़ाई के लिए जज्बा इनके रास्ते की सभी रुकावटो को पीछे धकेल देगा लेकिन गरीब आदिवासी परिवार की इन होनहार बेटियो के सामने आगे की पढाई के लिए सबसे बड़ा संकट होगा आर्थिक संकट लिहाजा सरगुजा और जशपुर जिला प्रशासन सहित समाज के हर सक्षम वर्ग को इनका सहयोग करना होगा । वरना आर्थिक आभाव में क्षेत्र की ये प्रतिभा भी दफ़न ना हो जाए। वही अम्बिकापुर में निशक्तजन सेवा समिति के माध्यम से दिव्यांगो की मदद करने वाली समाज सेविका रीता अग्रवाल ने इन कहा है की वो और उनका पूरा संगठन हर समय इन बच्चियों के लिए प्रयास रत रहेगा और सभी से सहयोग की अपील कर इनकी मदद कराई जाएगी।
बहरहाल सरगुजा की इन बेटियों ने साबित कर दिखाया है मेहनत और लगन से बढ़कर दुनिया में कोई चीज नहीं होती है। शारीरिक अक्षमता के साथ भी इन बेटियों ने वो कर दिखाया है जो कई लोग हर साधन संपन्नता के साथ भी नहीं कर पाते है। संध्या और माधुरी अंबिकापुर में रहकर अच्छी शिक्षा लेना चाहती है
फटाफट न्यूज आप सभी से अनुरोध करता है की इन बेटियों के सहयोग के लिए आगे आये।
इनसे संपर्क करने के लिए आप हमारे नंबर पर काल या वाट्सअप पर संपर्क कर सकते है।
Mo- 9479233088