- प्रदेश में किसानों के लिए कृषि केबिनेट का गठन होगा
- फसल बीमा योजना के लिए पटवारी हल्कों को बनाएंगे इकाई
- पांच साल में पांच लाख हेक्टेयर अतिरिक्त रकबे में सिंचाई का लक्ष्य
- कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए दोगुना अनुदान: अब मिलेंगे 50 हजार रूपए
रायपुर, 18 फरवरी 2014
कृषि विभाग के लिए एक हजार 948 करोड़ 08 लाख 38 हजार रूपए, पशु पालन के लिए 366 करोड़ 90 लाख 94 हजार रूपए, मछली पालन के लिए 42 करोड़ 09 लाख 03 हजार रूपए, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा के लिए 96 करोड़ रूपए, जल संसाधन विभाग के लिए 802 करोड़ 80 हजार रूपए, आयाकट विभाग के लिए 70 करोड़ 24 लाख 67 हजार रूपए, लघु सिंचाई निर्माण कार्य के लिए 598 करोड़ 87 लाख 90 हजार रूपए, जल संसाधन विभाग से संबंधित विदेशों से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 50 लाख रूपए, जल संसाध विभाग से संबंधित नाबार्ड से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 138 करोड़ 83 लाख रूपए तथा धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के लिए 08 करोड़ 87 लाख 80 हजार रूपए की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित की गयी। इन विभागों की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा में पक्ष और विपक्ष के 32 सदस्यों ने भाग लिया। इन विभागों के मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने अनुदान मांगों पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रत्येक विभाग के बजट प्रस्तावों के बारे में सदस्यों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने दस वर्ष की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला।
कृषि विभाग
श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कृषि, पशु पालन और मछली पालन विभाग से संबंधित अनुदान मांगों का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों और खेती-किसानी संबंधित समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में कृषि केबिनेट गठित की जाएगी। प्राकृतिक आपदाओं और मौसम की विपरीत स्थितियों से किसानों को बचाने के लिए अब उनकी फसलों के बीमे के लिए तहसीलों के स्थान पर पटवारी हल्कों को इकाई बनाया जाएगा। बीज निगम द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले बीजों का अंकुरण नहीं होने पर किसानों को बीमा कम्पनियों के माध्यम से मुआवजा दिलाया जाएगा। किसानों को खेती-किसानी से जुड़ी तकनीकी जानकारियां एवं परामर्श उपलब्ध कराने के लिए विकासखण्ड स्तर पर हर वर्ष अपै्रल से अक्टूबर माह के मध्य किसान मेलों का आयोजन किया जाएगा। श्री अग्रवाल ने अपने जवाब में पिछले दस वर्षो में किसानों और खेतिहर मजदूरों को खुशहाल बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा खेती-किसानी में नयी-नयी तकनीकों के प्रयोग तथा नयी-नयी योजनाओं के क्रियान्वयन तथा सिंचाई के विस्तार के लिए लागू योजनाओं की उपलब्धियों की विस्तार से जानकारी दी तथा आगामी वित्तीय वर्ष से शुरू की जा रही नवीनतम योजनाओं की जानकारी दी।
श्री अग्रवाल ने कृषि विभाग की अनुदान मांगों की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा पिछले दस वर्षो में लागू की गयी नयी-नयी योजनाओं के फलस्वरूप किसानों और खेतिहर मजदूरों के जीवन में खुशहाली आयी है। धान, मक्का, सोयाबीन तथा चने की उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गयी है। रबी फसल के क्षेत्र में आठ प्रतिशत की वृद्धि भी हुई है। श्री अग्रवाल ने कहा कि आगामी पांच वर्ष में रबी फसल के क्षेत्रफल में दो लाख हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि किसानों को उनकी जरूरत के अनुरूप समय पर रासायनिक खाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रैक पाइंट से सीधे सिंगल लॉक में भण्डारण की व्यवस्था की जाएगी। गांवों के नालों में चेक डेम और छोटे बंधान बनाने के लिए कार्य योजना बनेगी। इससे साग-सब्जी की फसलों में सिंचाई करने के लिए पानी मिलेगा। श्री अग्रवाल ने बताया कि आगामी दो वर्ष के भीतर प्रदेश के 36 लाख किसानों को उनकी जमीनों से संबंधित हेल्थ कार्ड बनाकर दिए जाएंगे। आगामी पांच वर्ष में जैविक खेती के क्षेत्रफल को 25 हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि राजधानी रायपुर के आस-पास के किसी एक विकासखण्ड का चयन कर कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी तथा मत्स्य पालन की गतिविधियां संचालित कर मॉडल विकासखण्ड के रूप में विकसित किया जाएगा। कृषि विभाग की आत्मा योजना से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने तथा खेती-किसानी से संबंधित जानकारी एस.एम.एस. के माध्यम से देने की भी व्यवस्था की जाएगी। कृषि एवं उद्यानिकी से संबंधित बीज और पौधा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए बीज नीति तैयार की जाएगी। प्रत्येक विकासखण्ड में कृषक सूचना सलाह केन्द्र एवं प्रत्येक जिले में कृषि सेवा केन्द्र की स्थापना की जाएगी। उन्होंने बताया कि खाद, बीज और अनाजों के सुरक्षित भण्डारण के लिए भण्डार गृहों का निर्माण कराने के लिए वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक पॉलिसी तैयार की जाएगी। सहकारी समितियों के साथ-साथ कृषि मंडियों में भी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था की जाएगी। वन अधिकार मान्यता पत्र धारक किसानों को निःशुल्क धान और मक्का के बीज तथा उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए 20 करोड़ रूपए, कृषक समृद्धि योजना के लिए 15 करोड़ 05 लाख रूपए, लघु सिंचाई तालाबों के निर्माण के लिए 10 करोड़ रूपए तथा शाकंभरी योजना के तहत कुएं खोदने के लिए 35 करोड़ रूपए का प्रावधान वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट में किया गया है। दलहनी एवं तिलहनी फसलों के बीज उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए बीज उत्पादक किसानों को प्रति क्विंटल एक हजार रूपए का अनुदान दिया जाएगा।
उद्यानिकी
श्री अग्रवाल ने उद्यानिकी से संबंधित मांगों के जवाब में कहा कि उद्यानिकी क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण के लिए नया रायपुर में राज्य स्तरीय उद्यानिकी उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की जाएगी। बिलासपुर में नवीन प्लग टाइप वेजीटेबल सीडलिंग प्रोडक्स यूनिट की स्थापना की जाएगी। इसी प्रकार आठ प्रमुख शहरों- राजनांदगांव, कबीरधाम, महासमुन्द, कांकेर, बेमेतरा, जगदलपुर, अम्बिकापुर तथा रायगढ़ में मिनी प्लग टाइप वेजीटेबल सीडलिंग प्रोडक्शन यूनिट की स्थापना की जाएगी। फल सब्जी मण्डियों में कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे। पुरानी मंडियों की खाली जमीनों पर कृषि बाजार विकसित किया जाएगा।
पशुधन विकास विभाग
पशुधन विकास विभाग से संबंधित अनुदान मांगों का जवाब देते हुए श्री अग्रवाल ने बताया कि बीमारियों एवं दुर्घटनाओं की स्थिति में पशुओं के इलाज के लिए हर जिले में संजीवनी-108 की तर्ज पर पशु एम्बूलेंस शुरू की जाएगी। सरगुजा जिले में वेटनरी आपरेशन थियेटर की स्थापना की जाएगी। बिलासपुर, जगदलपुर, अम्बिकापुर में बुलमदर फार्म का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश के 90 विकासखण्डों में गौ-शालाएं खोली जाएंगी। प्रत्येक जिले की एक गौशाला का विकास जैविक खाद उत्पादन एवं खाद विक्रय केन्द्र के रूप में किया जाएगा। बिलासपुर में नवीन पशु चिकित्सा एवं पशु महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी। दुग्ध प्रौद्योगिकी महाविद्यालय रायपुर में छात्रों की प्रवेश संख्या 30 से बढ़ाकर 50 करने की योजना है। पशुओं के अवैध परिवहन रोकने के लिए प्रदेश की सीमाओं में पशु जांच चौकी खोली जाएंगी। प्रदेश में नवीन केन्द्रीय वीर्य संग्रहालय की स्थापना की जाएगी। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में चिलिंग सेन्टर एवं बल्क मिल्क कूलर्स की स्थापना की जाएगी। पशु मित्र योजना के अन्तर्गत गौसेवकों को गौवंशीय एवं भैंस वंशीय पशुओं के टीकाकरण प्रति पशु पांच रूपए तथा छोटे पशुओं के टीकाकरण के लिए तीन रूपए प्रति पशु प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। प्रदेश में गोचर भूमि के संरक्षण की योजना बनेगी। समुदाय आधारित डेयरी योजना के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
मछली पालन विभाग
श्री अग्रवाल ने मछली पालन विभाग की आगामी योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि मछुआरों के बच्चों का मत्स्य विद्यालय कवर्धा में चयन होने पर निःशुल्क शिक्षा एवं प्रति छात्र 10 हजार रूपए की छात्रवृत्ति दी जाएगी। मछुआ आवास निर्माण पर दी जाने वाली सहायता राशि को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रूपए किया जाएगा। मछुआरों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लए बारहमासी नदियों में मछली पालन करने के लिए कार्य योजना बनेगी। श्री अग्रवाल ने बताया कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत ग्रामीण कृषि कार्य योजना के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति एक हजार रूपए से बढ़ाकर दो हजार रूपए प्रतिमाह की जाएगी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में उद्यानिकी संकाय की स्थापना के साथ फल, सब्जी और पुष्प विज्ञान विभाग प्रारंभ किए जाएंगे। कृषि के क्षेत्र में राज्य के बाहर की संस्थाओं में शोध के लिए जाने वाले प्रदेश के छात्रों को पांच हजार रूपए प्रतिमाह की सहायता दी जाएगी। नारायणपुर जिले में कृषि महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी। शैक्षणिक सत्र 2014-15 में कृषि महाविद्यालय रायगढ़, कांकेर, कोरिया, बेमेतरा, राजनांदगांव, उद्यानिकी महाविद्यालय जगदलपुर तथा कृषि अभियांत्रिकी कॉलेज रायपुर 24-24 सीटें बढ़ायी जाएगी।
जल संसाधन विभाग
जल संसाधन विभाग की नयी योजनाओं के बारे में श्री अग्रवाल ने बताया कि आगामी पांच साल में पांच लाख हेक्टेयर अतिरिक्त रकबे में सिंचाई सुविधा विकसित करने के लिए कार्य योजना बनेगी। इसी प्रकार कम सिंचाई क्षमता वाले जिलों में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए पूरे प्रदेश का व्यापक सर्वेक्षण किया जाएगा। विभाग की 176 नयी योजनाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट में दो सौ करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। केन्द्र प्रवर्तित नलकूप योजना के अन्तर्गत 20 हजार 141 नलकूपों का खनन किया जाएगा। लघु सिंचाई योजना के लिए सर्वे किया जाएगा तथा अतिरिक्त सिंचाई रकबा विकसित करने अनुसंधान किया जाएगा। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में शिवनाथ नदी पर 40 करोड़ 40 लाख रूपए की लागत से एक मध्यम सिंचाई परियोजना बेमता डायवर्सन का निर्माण किया जाएगा। आगामी पांच वर्ष में प्रदेश के सिंचित रकबे में पांच लाख हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी करने कार्य योजना बनेगी। बड़ी नदियों और बांधों को जोड़ने के लिए कार्य योजना बनेगी। सिंचाई योजना के कमाण्ड क्षेत्र में सम्पवेल बनाकर पाइप लाइन से सिंचाई व्यवस्था करने कार्य योजना बनेगी। पानी के अधिक से अधिक उपयोग के लिए माइक्रो सिंचाई प्रणाली से खेतों को सिंचित करने योजना बनेगी। एनीकटों में संभावनाओं के आधार पर पर्यटन विकास की योजना बनेगी। मोहमेला सिरपुर बैराज से दो हजार हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता का कार्य किया जाएगा। तटबंधों के निर्माण के लिए 20 करोड़ रूपए का प्रावधान आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में किया जाएगा। काडा नालियों की रख-रखाव के लिए प्रति हेक्टेयर एक हजार रूपए की दर से जल उपभोक्ता समितियों को राशि आवंटित की जाएगी। प्रदेश के 45 हजार 909 हेक्टेयर क्षेत्र में फिल्ड चैनल निर्माण के लिए 70 करोड़ रूपए का प्रावधान वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट में किया गया है।
धार्मिक न्यास एवं धर्म विभाग
श्री अग्रवाल ने सर्वप्रथम धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की अनुदान मांगों के संबंध में जवाब देते हुए बताया कि अगले वित्तीय वर्ष से कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए अनुदान दोगुना कर दिया गया है। प्रत्येक तीर्थ यात्री को अब 25 हजार रूपए के स्थान पर 50 हजार रूपए का अनुदान मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों और सेवादारों को मानदेय देने के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट में 25 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। बस्तर दशहरा से जुडे़ मांझियों और चालकियों को मानदेय देने पर्याप्त मात्रा में धनराशि की व्यवस्था की गई है। सतनाम पंथ के प्रवर्तक एवं समाज सुधारक गुरू घासीदास बाबा की जन्म स्थली गिरौदपुरी में लगने वाले वार्षिक मेले के लिए 15 लाख रूपए, जशपुर दशहरा के लिए 10 लाख रूपए तथा लालपुर (जिला मुंगेली) मेले के लिए पंाच लाख रूपए का प्रावधान वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट में किया गया।