अम्बिकापुर
- नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद की सीट OBC मुक्त
- सभापति त्रिलोक कूपर कुशवाहा की सीट OBC महिला के लिए आरक्षित
- कई नेता अपनी पत्नियो को उतार सकते है मैदान मे
नगरीय निकाय चुनाव के लिए आज अम्बिकापुर नगर पालिक निगम के आरक्षण की प्रकिया संपन्न हुई । प्रशासनिक अधिकारियो के साथ ही जनप्रतिनिधियो से भरे कलेक्टर सभाकक्ष मे आयोजित इस प्रकिया मे वार्डो की स्थिती मे व्यापक परिवर्तन हुआ। और कई दिग्गज नेताओ की सीट मे भी परिवर्तन हो गया है। हांलाकि निगम मे सत्ताधारी दल भाजपा और विपक्षी कांग्रेस दोनो इस प्रकिया से संतुष्ट नजर आ रहे है।
काफी गहमा गहमी के बीच आज अम्बिकापुर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष मे निगम के 48 वार्डो के आरक्षण की प्रकिया काफी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गई। कलेक्टर ऋतु सेन और मौजूद अधिकारियो की अगुवाई मे आयोजित आरक्षण प्रकिया मे राजनैतिक दल के जनप्रतिनिधियो के साथ ही आम लोगो ने भी हिस्सा लिया। वर्ष 2009 के पिछले चुनाव मे 40 वार्डो की जगह इस बार वार्डो की संख्या बढकर 48 हो गई है। लिहाजा निगम के 48 वार्डो मे हुए आरक्षण प्रकिया को लेकर भाजपा ने संतोष जताते हुए अपने जीत का दावा किया है। तो भाजपा की ओर से लगातार चुनाव जीतने वाले कई दिग्गज की सीटो मे हुए परिवर्तन से भाजपा का समीकरण भी बिगड गया है। जिसमे निगम सभापति त्रिलोक कपूर कुशवाहा, एमआईसी सदस्य प्रेमानंद तिग्गा, जैसे पार्षद की सीट शामिल है।
अम्बिकापुर मे वर्तमान के 40 वार्डो मे से 23 मे भाजपा के पार्षद है जबकि 15 मे कांग्रेस का कब्जा है। लेकिन इस बार के 48 वार्डो के लिए हुई आरक्षण की अगर बात करे तो 16 सीटो अनारक्षित वर्ग के लिए तो अनारक्षित महिलाओ के लिए 8 सीट है। वही पिछडा वर्ग मुक्त के लिए 8 सीट तो पिछडा वर्ग महिला के लिए भी 8 सीटो पर आरक्षण है। इसके अलावा अनूसूचित जनजाति के लिए 7 और अनूसूचित जनजाति महिला वर्ग के लिए तीन सीट रिजर्व की गई है। अगर बात करे अनूसूचित जाति वर्ग की सीटो की तो इस वर्ग के लिए महिला और पुरुष दोनो के लिए 1-1 सीट आरक्षित की गई है। आरक्षण की इस प्रकिया को लेकर कांग्रेस भी काफी संतुष्ट नजर आ रही है। लेकिन उसको भी नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद जैसे नेताओ की सीट गंवाने की मलाल जरुर है।
आरक्षण की इस प्रकिया के बाद दोनो प्रमुख दलो मे प्रत्याशी चयन की प्रकिया भी तेज हो गई है। कोई सर्वे के आधार पर टिकट देने का दावा कर रहा है, तो कुछ वार्डो से आने वाली दावेदारो के नाम की सूची बना कर प्रत्याशी चयन पर विचार करने की मन बना रहा है। बहरहाल आरक्षण की प्रकिया के बाद भले ही एक एक व्यक्तियो को वार्ड पार्षद की टिकट मिले । लेकिन 48 वार्डो से सैकडो दावेदार अपने अपने स्तर के आकाओ की चौखट पर माथा टेकते नजर आने लगे है। साथ ही इन संभावनाओ से भी इंकार नही किया जा सकता है कि जिन नेताओ की सीट महिलाओ के लिए आरक्षित है वंहा से नेता जी अपनी अपनी पत्नियो को चुनाव मैदान मे उतार दे।
आरक्षण के बाद वार्डो की मौजूदा स्थिती पर डाले नजर