अम्बिकापुर कुछ घंटे बाद तीन विधानसभा के वोटो की गिनती शुरू होगी। आर्इए जानते है कैसे होगी गिनती ..
सबसे पहले सील की जांच
गिनती से पहले चुनाव अधिकारी ईवीएम को कैरी करने वाले केस पर लगी कागज की मुहर और भीतर मौजूद ईवीएम पर लगी मुहर की जांच करता है। जब अधिकारी यह सुनिश्चित कर लेता है कि ईवीएम से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है तब वोटों की गिनती की प्रक्रिया शुरू होती है।
ईवीएम से पहले पोस्टल बैलट की गिनती
वोटों की गिनती के लिए मतगणना स्थल पहले से ही तय होता है। यहां पर 8 बजे से मतगणना शुरू हो जाती है। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती होती है। इसके आधे घंटे बाद ही ईवीएम के वोटों की गिनती शुरू होती है।
ईवीएम में दर्ज वोटों की गिनती
इसके लिए मतगणना कर्मी सबसे पहले ईवीएम को ऑन करता है। इसके बाद वह रिजल्ट बटन को दबाता है। इससे यह पता चलता है कि किस उम्मीदवार के पक्ष में कितने वोट पड़े।
मशीन में दिखी सूचना को करना होता है दर्ज
ईवीएम के रिजल्ट बटन को दबाने पर जो संख्या उभरती है, उसे फॉर्म नंबर 17 सी में दर्ज करना होता है। इस फॉर्म पर फिर उम्मीदवारों के एजेंट दस्तखत करते हैं। इसके बाद फॉर्म नंबर 17 सी को रिटर्निंग ऑफिसर को सौंप दिया जाता है।
सभी 14 मेजों से 17 सी फॉर्म होते हैं इकट्ठा
मतगणना क्षेत्र में लगीं सभी 14 मेजों पर मौजूद मतगणना कर्मी हर राउंड में फॉर्म 17 सी भरकर एजेंट से दस्तखत करवा कर रिटर्निंग अफसर के पास रखते जाते हैं। इसके बाद रिटर्निंग अफसर हर राउंड में मतों की गिनती दर्ज करता जाता है। इस नतीजे को हर राउंड के बाद ब्लैक बोर्ड पर दर्ज किया जाता है और लाउड स्पीकर की मदद से उसकी घोषणा भी होती है।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अफसर को बताई जाती है संख्या
हर राउंड के बाद नतीजो के बारे मे राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सूचना दी जाती है। यह सिलसिला मतगणना खत्म होने के बाद तक चलता रहता है।
स्ट्रॉन्ग रुम से आती है इवीएम
ईवीएम को मतगणना केंद्र पर लगी मेज पर स्ट्रॉन्ग रूम से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम के बीच बेहद सुरक्षित रास्ते से लाया जाता है। रास्ते के दोनों ओर बैरिकेड लगे होते हैं।
हर मेज पर मौजूद होता है अफसर और पोलिंग एजेंटहर मेज पर एक सरकारी अफसर निगरानी के लिए मौजूद रहता है। इसके अलावा हर उम्मीदवार का एक पोलिंग एजेंट भी हर मेज पर मौजूद रहता है।
एक बार में खुलती हैं 14 ईवीएम
एक मतगणना क्षेत्र में अलग-अलग मेजों पर एक बार में 14 ईवीएम खोली जाती हैं। एक राउंड में 14 ईवीएम में मौजूद वोटों की गिनती की जाती है।
तारों की बाड़ करती है एजेंट और ईवीएम को अलग
वोटों की गिनती में लगे सरकारी कर्मचारियों और वहां मौजूद उम्मीदवारों के एजेंटों के बीच तारों की बाड़ लगी होती है ताकि एजेंट ईवीएम से छेड़छाड़ न कर सकें।