आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में शुक्रवार को बड़ा खुलासा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट में पेश मुदगल कमेटी की रिपोर्ट में श्रीनिवासन, मयप्पन और राज कुंद्रा सहित आठ लोगों के नाम फिक्सिंग के दोषियों के तौर पर सामने आए हैं. लिस्ट में तीन क्रिकेटरों के नाम भी शामिल हैं लेकिन कोर्ट ने इनके नामों का खुलासा नहीं करने के आदेश दिए. अदालत ने कहा है कि रिपोर्ट में खिलाड़ियों की भूमिका साफ नहीं है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 24 नवंबर को होगी.
कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान रिपोर्ट में शामिल गैर खिलाड़ियों के नामों का खुलासा किए जाने के निर्देश दिए. इस तरह एन श्रीनिवासन, गुरूनाथ मयप्पन, राजकुन्द्रा और सुदर रमण के बारे में कमेटी की रिपोर्ट का खुलासा किए जाने के निर्देश दिए गए. कोर्ट ने कहा कि खिलाड़ियों का नाम मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट से हटाया जाएगा और इसे केस से जुड़े वकीलों के साथ साझा किया जाएगा. अदालत ने रिपोर्ट की कॉपी बीसीसीआई, श्रीनिवासन और अन्य गैर खिलाड़ी व्यक्तियों को मुहैया कराने को भी कहा.
फिक्सिंग मामले में खुलासा होने से क्रिकेट जगत में हड़कंप मचा हुआ है. बीसीसीआई की एजीएम 28 नवंबर को होनी थी लेकिन बोर्ड ने अब इसे चार हफ्ते के लिए टालने का फैसला किया है. कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई के चुनाव पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जाएगी. लेकिन सलाह दी कि बीसीसीआई फैसले के बाद ही चुनाव करे.
स्पॉट फिक्सिंग मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट पर सुनवाई होनी थी. लेकिन कोर्ट ने इसे स्थगित करते हुए सुनवाई के लिए शुक्रवार का दिन तय किया था. कोर्ट ने कहा था कि उसने पूरी रिपोर्ट नहीं पढ़ी है और उसे इसे पढ़ने के लिए थोड़ा और समय चाहिए.
वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने मुद्गल कमेटी की ओर से 3 नवंबर को एक सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी थी. जज टीएस ठाकुर की बेंच को सौंपे गई रिपोर्ट में गोपनीयता बनाए रखने की बात कही गई थी. मामले में अक्टूबर 2013 में जज एके पटनायक ने कमेटी को जांच के लिए नियुक्त किया था. पटनायक 2 जून को रिटायर हो गए हैं.
आईपीएल के नियमों के मुताबिक अगर किसी भी टीम से जुड़ा अधिकारी गलत हरकतों में लिप्त पाया जाता है तो उसकी फ्रेंचाइजी बर्खास्त कर दी जाएगी. राजस्थान रॉयल्स के साथ भी कुछ ऐसा ही है.