रोहित शर्मा की रिकॉर्ड तोड़ पारी का गवाह बनना गर्व की बात रही। क्योंकि यह कीर्तिमान ईडन गार्डेंस के मैदान पर बना ऐसे में यह और भी विशिष्ट हो गया। यह प्रतिष्ठित मैदान अपनी 150वीं वर्षगांठ मना रहा है और रोहित की पारी इस अवसर पर किसी आतिशबाजी से कम नहीं थी। अफसोस कि यह मैदान खचाखच नहीं भरा था, वरना शोर का स्तर और भी अधिक होता। रोहित ने अपनी पारी में वे सारे शॉट लगाए जो किताब में हैं और कई ऐसे शॉट भी लगाए जो किताब में नहीं हैं। ऑफ साइड की तरफ बढ़कर लांग ऑन की तरफ लगाया गया छक्का सबसे असाधारण था। पारी में कुछ शानदार ड्राइव के साथ पुल, स्वीप सब मौजूद थे।
पारी के लिए तिषारा परेरा को भी धन्यवाद, जिन्होंने एक आसान कैच टपका दिया और रोहित बाद में पारी की आखिरी गेंद पर आउट होकर मैदान से बाहर निकले। किसी श्रीलंकाई ने इस पर नाराजगी नहीं जाहिर की, क्योंकि शायद वे भी एक अद्भुत पारी के गवाह बने थे। कई आलोचक श्रीलंका की गेंदबाजी को कमजोर बताकर रोहित की पारी का असर कम करने की कोशिश करेंगे, अगर यही बात है तो फिर अगला सर्वश्रेष्ठ स्कोर 66 ही क्यों रहा जो कोहली ने बनाए। विपक्ष की गेंदबाजी की गुणवत्ता कैसी भी रही हो, रन तो करने ही थे और केवल एक बल्लेबाज ने ऐसा किया तो फिर उसे जरूर विशेष कहा जाना चाहिए।
बल्लेबाजी की ही तरह, भारत के पास अब नई गेंद विभाग में भी विकल्प हैं और सही मायनों में यह टीम के लिए अच्छी खबर है। विराट कोहली ने कहा था कि टीम अच्छी आदतों को जारी रखते हुए जीत का सिलसिला बरकरार रखना चाहेगी। रांची में होने वाले अंतिम वनडे में भी भारतीय टीम को इसी दृष्टिकोण के साथ मैदान पर उतरने की जरूरत है। भारत ने इंग्लैंड दौरे पर अंतिम वनडे में मेजबान टीम को जीतने का मौका देकर अपना रिकॉर्ड और भी बेहतर करने का मौका गंवाया था। उम्मीद है कि भारतीय टीम ने सबक सीखा होगा, जिसे हम जल्द उसे अमल में लाता देखेंगे।