अपनी गलतियों के कारण छठी बाजी गंवाने वाले भारतीय स्टार विश्वनाथन आनंद को यदि विश्व शतरंज चैंपियनशिप में अपनी उम्मीदों को मजबूत बनाये रखना है तो फिर उन्हें कल होने वाली सातवीं बाजी में मैगनस कार्लसन पर हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी।
पहली पांच बाजियों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले आनंद छठी बाजी में अच्छी स्थिति में होने के बावजूद हार गये और 12 बाजियों के मुकाबले में अब वह एक अंक से पीछे चल रहे हें। कार्लसन ने आनंद को खराब शुरुआत और बीच में दो बड़ी गलतियों का कड़ा सबक सिखाया। आनंद ने 26वीं चाल में दो बड़ी गलतियां की जो शतरंज के इतिहास में सबसे बड़ी गलतियों के रूप में दर्ज की जाएंगी। आनंद इस पर गौर नहीं कर पाये।
आनंद तब यदि सही चाल चलते तो यह बाजी जीत जाते लेकिन वह इसका अनुमान नहीं लगा पाये। उन्होंने बाद में कहा, जब आप उपहार की उम्मीद नहीं करते तो फिर आप उस तरफ गौर भी नहीं करते। कार्लसन ने यह बाजी जीती और अब छह बाजियों के बाद वह 3.5-2.5 से आगे हैं। आनंद को अब नॉर्वे के खिलाड़ी की बढ़त को कम करने के लिये कुछ खास रणनीति बनानी होगी।
आनंद के लिये आगे की राह भी आसान नहीं है क्योंकि मुकाबले के आधे मैच समाप्त हो गये हैं और इसका मतलब है कि कार्लसन को कल की बाजी भी सफेद मोहरों से खेलनी होगी जिससे निश्चित तौर पर वह फायदे में रहेंगे।
दूसरी बाजी गंवाने के बाद भी आनंद को विश्राम के लिये समय मिला था और उन्होंने इसके बाद शानदार वापसी करके कार्लसन को तीसरी बाजी में हरा दिया था। स्थिति वैसी ही है लेकिन अंतर इतना है कि इस बार आनंद को काले मोहरों से खेलना होगा।
आनंद के लिये अच्छी खबर यह है कि कार्लसन पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक दमदार नहीं दिख रहे हैं। पिछले साल चेन्नई में वह काफी मजबूत साबित हुए थे और उन्होंने आनंद को आसानी से हरा दिया था।
इस बार कार्लसन अजेय नहीं है और वह काफी गलतियां कर रहे हैं। वह केवल इसलिए आनंद से आगे हैं कि क्योंकि भारतीय खिलाड़ी उनसे अधिक गलतियां कर रहे हैं। यदि आनंद अपनी गलतियां कम कर दे और बेहतर ओपनिंग करते हैं तो फिर वह वापसी कर सकते हैं।
अभी जब आनंद पीछे चल रहा है तब उनकी टीम वापसी के लिये रणनीति बनाने में जुटी होगी। सबसे महत्वपूर्ण सातवीं बाजी में कार्लसन को रोकना है। यदि आनंद इसे ड्रॉ भी करा लेते हैं तो उनके पास आगे वापसी करने का मौका रहेगा।