अध्यात्म डेस्क. कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है. वैसे तो तीज-त्यौहार से लेकर पूजा-पाठ तक, हर काम में तुलसी की पत्तियों के बगैर कुछ भी पूर्ण नहीं माना जाता है पर कार्तिक महीने में तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है. कार्तिक माह में भगवान श्रीहरि की पूजा में तुलसी चढ़ाने का फल 10,000 गोदान के बराबर माना गया है. तुलसी नामाष्टक का पाठ करने और सुनने से लाभ दोगुना हो जाता है. पूरे कार्तिक महीने में तुलसी के सामने दीपक जलाकर उनकी पूजा की जाती है. अगर किसी कारणवश आप कार्तिक महीने में तुलसी के सामने दीपक नहीं जला पाएं है तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजा करके आप सौभाग्य की प्राप्ति कर सकते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन धन, समृद्धि और सौभाग्य के लिए तुलसी की विशेष पूजा करें. आज के दिन तुलसी पूजन करते हुए तुलसी के पौधे के नीचे दीपक अवश्य जलाएं. आज पूरे 31 दीपक जलाकर अपने घर और गृहस्थी के लिए सौभाग्य की कामना अवश्य करें. शाम के वक्त तुलसी के पास दीया जलाने से लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है. तुलसी का पौधा परिवार को बुरी नजर से भी बचाता है.
भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय हैं और केवल तुलसी दल अर्पित करके श्रीहरि को प्रसन्न किया जा सकता है. शास्त्रों में कहा गया है कि तुलसी जी की बात भगवान विष्णु कभी नहीं टालते हैं. इसलिए अगर तुलसी माता प्रसन्न हो जाएं तो सब तकलीफें दूर हो जाती हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. तुलसी का पौधा हमेशा से आस्था का केंद्र रहा है. तीज-त्यौहार हो या पूजा-पाठ हर काम में इस पवित्र पौधे की पत्तियों को इस्तेमाल किया जाता है. घर के आंगन में तुलसी का पौधा है तो आपके घर के सारे वास्तु दोष मिट जायेंगे. सुखा तुलसी का पौधा घर में रखना अशुभ माना जाता है. अगर तुलसी का पौधा सूख गया है तो उसे किसी पवित्र नदी, तालाब या किसी कुंए में प्रवाहित कर दें. सुखा पौधा हटाने के बाद तुरंत नया तुलसी का पौधा लगाएं.