इस मंत्र के जप से सांप स्वयं भाग जाता है, जानें इसके बारे में

Snakes run away by chanting this mantra

हिन्दू धर्म में सांप को एक देवता की तरह पूजा जाता है और नाग पंचमी के दिन लोग सांप को दूध पिलाकर अपनी श्रध्दा का परिचय देते हैं। बहुत से लोग सांप को इस भय से मार भी देते हैं कि वह भविष्य में उनको हानि न पहुंचा दें, पर ऐसे लोग नहीं जानते कि सांप को मारना शास्त्रों में गलत बताया है। साथ ही सांप को मारने से जो पाप लगता है उसकी पूर्ति भी नहीं हो सकती है।

इस संदर्भ में रावण सहिंता में कहा गया है कि जो पितृ लोग देव योनि में आ जाते हैं, वे सांप बनकर अपने लोगों के धन की रक्षा किया करते हैं। घर में निकले सर्प को न मारने का यह भी एक कारण हो सकता है। इसके अलावा कई शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि सर्प को मारने से लगने वाला पाप बहुत अधिक होता है जिसको कई जन्मों के बाद भी नहीं मिटाया जा सकता है।

ज्योतिष शास्त्र में भी यह बताया गया है कि जो भी व्यक्ति सर्प को मारता है या किसी प्रकार से कष्ट देता है तो उसकी कुंडली में “काल सर्प दोष” आ जाता है। गरुण पुराण में बताया गया है कि यदि किसी घर में सांप रहते हैं तो उसको छोड़ देना उचित है। इस प्रकार से देखा जाए तो सांप को किसी प्रकार का कष्ट देना या मारना वर्जित है अन्यथा आपका जीवन परेशानियों से घिर सकता है।

आपके घर में यदि कोई सांप है और आप चाहते हैं कि वह आपके घर से बाहर निकल जाए तो आज हम इसके उपाय के लिए आपको एक गुप्त मंत्र बता रहें हैं। इस मंत्र का जप करने के बाद में सांप आपके घर से बाहर निकल जाएगा, तो आइए जानते हैं इस मंत्र को।

मंत्र 

ॐ नमो आदेश गुरू को जैसे के लेहू रामचंद्र।
कबूत ओसई करहू राध विनि कबूत पवनपूत हनुमंत।
धाव हन हन रावन कूट मिरावन श्रवई।
अंड खेतही श्रवई अंड विहंड।
खेतही श्रवई वॉज गर्भ हो श्रवई।
स्त्री चीलही श्रवई शाप।
हर हर जंबीर हर जंबीर हर हर।

इस मंत्र से आप एक मिट्टी के ढेले को अभिमंत्रित कर उसको सांप के बिल के पास रख दें। इस प्रयोग से सांप अपने स्थान को छोड़ कर चला जाता है।