
नवरात्र में व्रत रखने से शरीर के पाचनतंत्र को आराम मिलता है और शरीर का शुद्धिकरण भी हो जाता है। लेकिन इन दिनों में खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि हम अपने शरीर को नुकसान देने वाली चीजों से बचा सकें। नवरात्र के दिनों में विशेषकर फूड पॉयजनिंग का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए इस समय में ज्यादा तले आहार से दूर ही रहना चाहिए क्योंकि उपवास के समय में तला आहार जहर के समान ही बन जाता है।
– पिछले साल के बचे हुए कुट्टू और सिंघाड़े के आटे का प्रयोग न करें, क्योंकि वह दूषित हो सकता है और उसे खाने से डायरिया होने की संभावना होती है। पिछले साल के बचे हुए आटे से फूड पॉयजनिंग हो सकती है।
– फल काफी मात्रा में खाएं, लेकिन बर्फी, लड्डू और आलू फ्राई जैसी तली और अत्यधिक चीनी वाली चीजें खाने से दस्त हो सकते हैं।
– सिंघाड़े के आटे से बनने वाली तली हुई पूरियां या परांठे से परहेज करें।
– सिंघाड़े की रोटी बनाते वक्त उच्च ट्रांस फैट वाला तेल प्रयोग न करें।
– उपवास के नाम पर ज्यादा फैटी चीजों का सेवन नहीं करें और दूसरा पूरी तरह से खाना-पीना कम नहीं करें, इससे सेहत बिगड़ सकती है।
– केले और आलू के चिप्स कम खाएं क्योंकि इससे सेहत खराब होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
– खाने में सबसे पहले नमक को एवॉयड करें। इसके अलावा हाई फैट फूड, ज्यादा मिर्च-मसाले, पनीर, दही का सेवन भूलकर भी न करें।
– देसी घी, नारियल तेल, मलाई, एलमंड ऑयल, क्रीम, स्पाइसी, काजू और हाई कैलोरी फूड न लें
– व्रत के लिए विशेष रुप से बाजार में आलू के चिप्स, भूनी मूंगफली या मखाने का अधिक सेवन न करें।
– एक साथ अधिक चीजें न खाएँ और न ही पिएं। व्रत में चाय कॉफी का सेवन ज्यादा न करें।