दुर्ग
ज्योतिषियों की मानें तो इस दिन बन रहे योग में बाजार से आभूषण, वाहन आदि की खरीदी शुभ व स्थायित्व को प्रदान करने वाली रहेगी। ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को शनि जयंती मनाने की परंपरा है। रविवार सुबह सूर्योदय बाद अमावस्या लग जाएगी। चूंकि शनि का जन्म मध्यकाल में होना माना जाता है। इसलिए इस दिन शनि जन्मोत्सव मनाना शास्त्रोक्त रहेगा। शनि जयंती पर रोहिणी नक्षत्र, रविवार का दिन, अमावस्या तिथि, उच्च का चंद्रमा होना इसे और खास बना रहा है, जो हर कार्य में सिद्धि देने वाला होगा।
5 जून, रविवार को शनि जयंती पर सालों बाद संयोग से खरीदी का श्रेष्ठ मुहूर्त स्थायीजय सहित अन्य कई योग बन रहे हैं। इससे जिन राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़ेसाती और ढय्या चल रही है, वे पूजा व दान से शनि को खुश कर राहत पा सकते हैं।
ज्योतिषियों की मानें तो इस दिन बन रहे योग में बाजार से आभूषण, वाहन आदि की खरीदी शुभ व स्थायित्व ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को शनि जयंती मनाने की परंपरा है। रविवार सुबह सूर्योदय बाद अमावस्या लग जाएगी। चूंकि शनि का जन्म मध्यकाल में होना माना जाता है। इसलिए इस दिन शनि जन्मोत्सव मनाना शास्त्रोक्त रहेगा। शनि जयंती पर रोहिणी नक्षत्र, रविवार का दिन, अमावस्या तिथि, उच्च का चंद्रमा होना इसे और खास बना रहा है, जो हर कार्य में सिद्धि देने वाला होगा।
छह राशियों वाले पा सकते हैं शनि से राहत
मेष, मिथुन, सिंह राशि पर शनि की ढय्या और तुला, वृश्चिक व धनु राशि पर साढ़ेसाती चल रही है। यूं तो इसका असर 27 जनवरी 2017 तक रहेगा, लेकिन इस दिन शनि की पूजा, दान और 27 हजार शनि मंत्र के जाप से जातकों को राहत मिलेगी।