फटाफट डेस्क: फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को फुलेरा दूज का त्यौहार मनाया जाता है। आज का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है और किसी भी कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त नहीं देखना पड़ता। सारा दिन अबूझ मुहूर्त रहता है। मान्यता है कि आज के दिन ही राधाकृष्णा ने फूलों की होली खेली थी। ब्रज भूमि में इस उत्सव की बहुत धूम मचती है। श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में इस दिन से ही होली की शुरुआत होती है। आज के दिन राधाकृष्ण की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में हमेशा खुशियों के रंग भरे रहते हैं।
फुलेरा दूज शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का आरंभ 21 फरवरी 2023 को सुबह 07 बजकर 33 मिनट पर होगा। अगले दिन 22 फरवरी 2023 को सुबह 04 बजकर 26 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार फुलेरा दूज 21 फरवरी 2023 को ही मनाई जाएगी। फुलेरा दूज के दिन गोधूलि मुहूर्त में राधाकृष्ण की पूजा होती है। गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 41 मिनट से शाम 07 बजकर 06 मिनट तक रहेगा।
(Phulera Dooj katha) फुलेरा दूज कथा
कथाओं के अनुसार किसी कारणवश लंबे समय तक श्रीकृष्ण राधा जी से मिलने नहीं जा पाए। ये देख राधारानी का मन काफी दुखी हुआ और उनके साथ गोपियां भी परेशान होने लगी। इस उदासी को देखकर सारे ब्रज के वन सूखे पड़ने लगे।
वनों की स्थिति को देखकर जब श्रीकृष्ण को पता चला कि ऐसा राधारानी के उनके प्रति विरह के कारण हो रहा है, तब वह राधा जी से मिलने गए। कृष्ण को देखकर राधा रानी खुश हो गई और चारों तरफ फिर से हरियाली छा गई। तब श्रीकृष्ण ने फूलों को तोड़ा और राधा जी पर बरसाने लगे। राधारानी ने भी उन पर फूलों को बौझार कर दी। ये देखकर सारे गोप-गोपियां भी एक-दूसरे पर फूल फेंकने लगे। चारों दिशाओं में खुशियों और उमंगों की बहारें छा गई। तभी से मथुरा में फूलों से होली खेली जाने लगी।
आज के दिन ब्रज भूमि और उसके आस-पास के सभी मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है और फूलों की होली खेली जाती है। देश-विदेश से लोग इस मनमोहक होली के रंगों में रंगने आते हैं। यहां की छटा का आनंद ही निराला होता है।