शहडोल से सचिन गुप्ता की रिपोर्ट
- गोहपारु जनपद पंचायत का मामला
- कमीशन के कारण सस्से घटिया पंप वितरित
- सीईओ ने मामले से झाडा पलडा
- कैसे होगा बैगाओ का विकास ?
खास रिपोर्ट
शहडोल जिले में बैगा विकास योजना के तहत हितग्राहियों को खेतो में सिंचाई के लिए पम्प लेने के लिए बीस बीस हजार रुपये उनके खाते में विभाग को जमा करने थे ,, पर कमीशन खोरी के चक्कर में अधिकारियों ने पैसे की जगह सस्ते पम्प खरीद कर हितग्राहियों के घर पहुचा दिए। और हितग्राहियों के शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है।
शहडोल जिले के गोह्पारु जनपद में बैगा विकास प्राधिकरण के अंतर्गत बैगा किसानो को पम्प के लिए मिलने वाली राशी में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। दरअसल इन किसानो को खेतो की सिंचाई में उपयोग के लिए पम्प खरीदी के लिए बीस बीस हजार रुपये विभाग के द्वारा इनके खाते में जमा करने थे पर विभाग के अधिकारियों ने पैसो की बजाय खुद ही पम्प खरीद कर इनके घर पहुचा दिया। गौरतलब है की जो पम्प इन किसानो को मिला है वह सस्ती कीमत का है। लिहाजा इस मामले में बड़ी राशी की गड़बड़ी होना लाजमी है।
कुछ किसानो का कहना है अधिकारियों के द्वारा उनको जबरन दूकान में ले जाकर पम्प की खरीदी कराई गई है । इन बैगा किसानो को सरकार बीस हजार रुपये खाते में इसलिए देती है की अगर उनको और उच्च श्रेणी का पम्प खरीदना है तो वो अपने पैसे मिलाकर उसे खरीद सके पर यहाँ पर सरकारी गुर्गो ने अपनी जेब गर्म करने के चक्कर में नियमो को ताख पर रखा और खुद ही खरीद डाले पम्प।
मामले में दोषी गोह्परू जनपद के सी ई ओ इस बात साथ साफ इनकार कर रहे है इनका कहना है की हितग्राहियों के खाते में ही पैसा ड़ाला गया है। और इनके मुताबिक़ ये जांच का विषय है।
वही इस मामले की जानकारी जब हमने कमिश्नर बैगा विकास को दी तो उन्होंने इस योजना की पूरी जानकारी देते हुए दो सदस्यीय टीम बनाकर मामले की जाँच कराने का अस्वासन दिया है।