एमपी/हरदा. देश एवं प्रदेश का यह एक ऐसा अनोखा और निराला मामला होगा। जिसमें 6 माह के गर्भ की प्रसूती हुई और जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। गौरतलब है की जिला अस्पताल में नवजात का इलाज टीम ने अपना बच्चा समझ कर किया। वही डाक्टर सनी जुनेजा ने बताया की जो बच्चा हमारे पास आया था। वह प्रीटम डिलेवर था और लोवर फेट था जिसका वजन मात्र 600 ग्राम था। 84 दिनों में सबसे ज्यादा शुरू के एक माह काफी परेशानी आई। इस दौरान कई उतार चढ़ाव आए बच्चा सांस लेना ही भूल जा रहा था लेकिन हमने हिम्मत नही हारी जो आज हमारी मेहनत सफल हुई और बच्चे को उसके परिजनों को सोपा गया।
जिला चिकित्सालय हरदा के स्टाफ की कामयाबी से कम अवधि में ही जन्मी लाड़ली लक्ष्मी पूर्ण स्वस्थ होकर माता-पिता को सौंपी गई।
जानकारी के अनुसार देवास जिले की खातेगांव तहसील अंतर्गत ग्राम बरछा की गर्भवती महिला सुहानी पति आनंद जाट अपने वाहन से 22 दिसंबर 2022 को इंदौर जा रहे थे। तभी गर्भवती सुहानी को पेट में दर्द होने के बाद रास्ते में ही प्रसूति हो गई। और मात्र 600 ग्राम वजन की बालिका को जन्म दिया। स्थिति की नजाकत देखते हुए पति आनंद जाट ने महिला जच्चा-बच्चा को इंदौर ले जाने के स्थान पर पास में हरदा अस्पताल पहुंचाया।
जहां नवजात बालिका को SNCU वॉर्ड में 84 दिनों तक गहन निगरानी में रखा गया। यहां डॉक्टर दीपक दुगाया और डॉक्टर सनी जुनेजा के मार्गदर्शन में जिला अस्पताल के स्टाफ द्वारा कम समय में जन्मी बालिका अब पूरी तरह स्वस्थ है। गुरूवार को जब बालिका उसके माता-पिता सुहानी पति आनंद जाट को सौंपी गई तब उसका वजन एक किलो 280 ग्राम से अधिक होकर वह पूरी तरह स्वस्थ थी। डॉक्टर्स का कहना है कि अक्सर नौ माह में प्रसूति होती है। इसके पहले जन्मे बच्चे या तो बच नहीं पाते हैं या फिर काफी कमजोर होते हैं। मगर एसएनसीयू में उचित देखभाल से शिवानी पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने परिवार के साथ घर जा रही है।