मध्यप्रदेश के जबलपुर में शातिर ठग गिरोह का पुलिस ने खुलासा करते हुए चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। हालांकि गिरोह के मुखिया पति-पत्नी अभी भी फरार है। बताया जा रहा है कि जबलपुर के पति-पत्नी ठगी के लिए भाई-बहन बनकर शादी कराने के बहाने पन्ना के लड़के को जबलपुर बुलाया। कोर्ट में एक वकील से मिलीभगत कर फर्जी ब्याह रचाया। और शॉपिंग के बहाने 1.18 लाख की रकम ले ली। लड़का अपनी नई नवेली दुल्हन के साथ बाजार जाता है। जहां नकली पुलिस बनकर गिरोह के सदस्य लड़के से गाड़ी के कागज मांगते हैं। और उसे पीटते हैं। इस दौरान दुल्हन अपने भाई के साथ फरार हो जाती है।
लार्डगंज पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। पति-पत्नी फरार हैं। गिरोह ने कुछ शादी सागर में भी कराई हैं। ASP रोहित काशवानी ने CSP गोहलपुर अखिलेश गौर और TI प्रफुल्ल श्रीवास्तव की मौजूदगी में ठगी का खुलासा किया। गिरोह से कई लड़के-लड़कियां जुड़े हैं, जो जैसी जरूरत होती है, वैसे आपस में रिश्ते बना लेते हैं। कोई भाभी बन जाता है, कोई मां तो कोई पिता। ठगी की रकम किरदार के हिसाब से बंटती थी। जिसका जितना अहम किरदार होता था, उसे उतनी बड़ी रकम दी जाती थी।
पन्ना के सुनवानी खुर्द निवासी जयप्रकाश तिवारी ने बताया कि उसकी शादी नहीं हो रही थी। रिश्तेदारों से बात की तो घाट पिपरिया दमोह निवासी रवि दुबे का नंबर मिला। रवि दुबे से उसे रजनी तिवारी नाम की महिला का नंबर मिला। रजनी के मांगने पर पड़ोसी श्यामकांत प्यासी के मोबाइल से उसने रजनी को खुद का फोटो भेजा। इसके बाद उसे तीन लड़कियों के फोटो भेजे गए। तीनों में से अंजलि तिवारी नाम की लड़की को पसंद कर लिया। फिर कोर्ट में शादी कराने की बात कर रजनी ने 8 जुलाई को उसे जबलपुर बुलाया था। अंजलि असल में सुमन जैन थी।
जयप्रकाश पड़ोसी श्यामकांत प्यासी, उसके चाचा रामहित तिवारी, रामकिशोर तिवारी व बुआ के बेटे ओमप्रकाश चनपुरिया के साथ जबलपुर पहुंचा। रजनी के बताए अनुसार वे गोलबाजार पहुंचे। वहां रजनी, अंजलि तिवारी और उसके कथित भाई विकास तिवारी को लेकर पहुंची। विकास असल में भानू उर्फ विवेक जैन था, जो सुमन यानी अंजलि का पति था। चार नंबर गेट के पास रजनी ने एक वकील से मिलवाया। वकील को 8 हजार रुपए दिलवाए। इसके बाद स्टाम्प बिक्री की दुकान पर ले गए। वहां एक रजिस्टर में उसके दस्तखत करवाए। वकील ने बताया कि अब उसकी शादी हो गई।
शादी होने के बाद सभी गोलाबाजार आए। यहां से रजनी 1.10 लाख रुपए जेवर और कपड़े खरीदने का बोलकर ले गई। अंजलि और पति विकास वहीं पर खड़े रहे। इसी बीच दो बाइक से चार युवक आए। खुद को पुलिसवाला बता कर गाड़ी के कागज मांगे। धमकी देने लगे कि तुम लोग लड़की भगाकर ले जा रहे हो। थाने ले जाने का डर दिखाकर 8500 रुपए ले लिए। आरोपियों ने मारपीट भी की थी। इसी दौरान अंजलि और विकास भाग गए। रजनी का भी मोबाइल बंद हो गया। रवि ने भी फोन नहीं उठाया। लार्डगंज थाने पहुंचकर केस दर्ज कराया।
ASP काशवानी के मुताबिक सायबर सेल की मदद से लार्डगंज पुलिस ने सोमवार 12 जुलाई को केवलानी पनागर निवासी ज्योति कुशवाहा (29), मोची कुआं नट बाबा मंदिर के पास गढ़ा फाटक निवासी आशीष तिवारी (51), गढ़ा फाटक निवासी विपिन जैन (30) और अमखेरा नर्मदा नगर गोहलपुर निवासी सुनील ठाकुर (32) को दबोच लिया। पूछताछ में पता चला कि ज्योति ही रजनी तिवारी बनी थी। अंजलि बनी सुमन जैन और विकास बना उसका पति विवेक जैन नारायणपुर गुलौआ चौक में रहते हैं।
चार आरोपियों से पुलिस ने 58 हजार 500 रुपए जब्त किए। बाकी रकम आरोपी दंपती के पास हैं। रजनी बनी ज्योति को 20 हजार रुपए मिले थे। भानू, उसकी पत्नी ने 60 हजार रुपए लिए। 10 हजार रुपए विपिन जैन को दिए। शेष रकम पुलिस बने आरोपियों में बंटी। पुलिस इस मामले में रवि तिवारी, शादी कराने वाले वकील अजय शुक्ला, मेडिकल पावर हाउस के पास रहने वाली रेखा सोंधिया की तलाश कर रही है।
पूछताछ में सामने आया कि यह एक बड़ा रैकेट है। इसमें कई और लड़कियां और दलाल शामिल हैं। जरूरत के अनुसार गिरोह के सदस्य आपस में रिश्ता बदल देते थे। कोई पिता, कोई भाई, कोई भाभी तो कोई मां बन जाता था। इस गिरोह ने जून 2021 में ही गढ़ाकोटा सागर में फर्जी शादी कराई है। आरोपियों ने छीनामानी की रहने वाली लक्ष्मी नाम की युवती की फर्जी शादी कराकर पैसे ऐंठे हैं। इस शादी में रेखा अपने साथ ज्योति कुशवाहा को लक्ष्मी की भाभी बनाकर ले गई थी। लक्ष्मी रेखा के ही घर में रह रही थी। अभी वह कहां है, ये पता नहीं चल पाया है। इस शादी में भाभी का रोल करने पर ज्योति को तीन हजार रुपए मिले थे।