भोपाल। चींटी के मरने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरी जिंदगी भी चीटी की तरह हो गई है। मैने जिसे चाहा वो मुझे नहीं मिला। पहले भी खुदकुशी करने की कोशिश कर चुका हूं। मैं जीना नहीं चाहता। इसका जिम्मेदार भी मैं खुद हूं। यह मजमून उस पत्र का है, जिसे इंजीनियरिंग के छात्र ने फांसी लगाने से पहले लिखा था। घटना पिपलानी थाना इलाके में हुई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू की।
पिपलानी थाना प्रभारी अजय नायर ने बताया कि दुष्यंत पुत्र राधाकृष्ण तिवारी (18), आनंद नगर स्थित टीआइटी कॉलेज परिसर में परिवार के साथ रहता था। वह विदिशा स्थित सम्राट अशोक प्रौद्योगिकी संस्थान (एसएटीआइ) से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। दुष्यंत के पिता टीआइटी कॉलेज की निर्माण कंपनी में सुपरवाइजर हैं। कंपनी का काम वर्तमान में पन्ना जिले में चल रहा है। इस वजह से राधाकृष्ण और उनकी पत्नी एक सप्ताह से पन्ना में थे। दुष्यंत यहां घर में अकेला था। रोजाना की तरह उन्होंने शुक्रवार सुबह बेटे से बात करने के लिए फोन लगाया। जब काफी देर तक दुष्यंत ने फोन रिसीव नहीं किया, तो राधाकृष्ण को शंका हुई। उन्होंने अपने एक परिचित को फोन कर दुष्यंत को देखने कमरे पर जाने को बोला। उसने घर जाकर देखा तो गेट अंदर से बंद था। काफी देर खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला। उसने खिड़की से झांककर देखा तो दुष्यंत फांसी पर लटका था। पुलिस ने जांच के लिए दुष्यंत का फोन और मौके से मिला सुसाइड नोट जब्त किया है। इस मामले में प्रेम प्रसंग में असफल होने की भी आशंका जताई जा रही है।