स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन ने कहा है कि महाकवि कालिदास की रचनाएँ हमारी सांस्कृतिक विरासत हैं। इनके संरक्षण एवं प्रसार के लिये राज्य सरकार की ओर से हर-संभव प्रयास किये जायेंगे। श्री पारस जैन उज्जैन में आज 55वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा भी मौजूद थे।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन ने कहा कि कालिदास की रचनाएँ साहित्य के क्षेत्र में कालजयी रचनाओं के रूप में जानी जाती हैं। युवा पीढ़ी को महाकवि कालिदास की रचनाओं से वाकिफ कराने के लिये विशेष प्रयास किये जाने चाहिये। संस्कृति राज्य मंत्री श्री पटवा ने कहा कि आज के परिवेश में महाकवि कालिदास के साहित्य पर शोध, संरक्षण की आवश्यकता है।
विधायक डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत की भौगोलिक सीमाओं एवं गौरवशाली इतिहास को जानें तो कालिदास का साहित्य हमारा गौरवशाली अतीत है। राजा विक्रमादित्य के 9 रत्नों में से एक रत्न कालिदास के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने आने वाले समय में विक्रमोत्सव के साथ-साथ भोज उत्सव भी उज्जैन में मनाने का आग्रह किया। डॉ. यादव ने बताया कि उज्जैन के विक्रम कीर्ति मंदिर परिसर को विक्रमोत्सव को सौंपे जाने के संबंध में संस्कृति मंत्रालय से शीघ्र सहमति मिलने वाली है। कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी ने इस वर्ष के आयोजन के संबंध में जानकारी दी।
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