BJP सांसद की तानाशाही, नेता प्रतिपक्ष बोले अभिव्यक्ति की आजादी का है हनन !
Parasnath Singh
Published: October 3, 2018 | Updated: August 31, 2019 1 min read
सतना: राजशाही में हुकूमत और हुक्मरानों के खिलाफ सिर उठाने वाले हर बागी को नेस्तनाबूद कर दिया जाता था, मौजूदा लोकतांत्रिक प्रदेश सरकार भी कुछ इसी तरह तानाशाही रवैय्या अपना रही है, संविधान और कानून के दायरे में हिटलरशाही कानून की खिलाफत करने वालों को जेल भेजा जा रहा है, विवादित कानून के हिमायती नेताओ के इशारे पर अफसर शाही नतमस्तक है, लोकशाही राजशाही में तब्दील दिख रही है, राज्य और राजनेता की खिलाफत की बुलंद होने वाली हर आवाज़ का दमन किया जा रहा है, इन सुलगते हालातो में कानून चुप है और संविधान आंसू बहाने को मजबूर है।
क्या था पूरा मामला:-
देश की संसद विवादित एट्रोसिटी बनाकर समाजिक व्यवास्था में छिन्न भिन्न कर दिया है, हर तरफ आपस मे नफरत का माहौल बन गया है, हालात को सम्हालने की बजाय सत्ताधारी जनप्रतिनिधि खिलाफत में हर उठने वाली आवाज़ का दमन कर रहे है, दरअसल कल सतना सांसद गणेश सिंह कुआं गांव के स्वास्थ्य केंद्र उन्नयन कार्यक्रम में गये थे, एट्रोसिटी एक्ट प्रभावित लोगों ने सांसद वापस जाओ के साथ मुर्दाबाद के नारे लगाये और काले झंडे दिखाए, बस फिर क्या था सांसद जी का गुस्सा देखने लायक था, कार्यक्रम में मंच से गांव वालों को सरकारी योजनाओं की सुविधा न देने जैसी धमकी देते दिखे, विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियो द्वारा अपना अपमान बताते हुये बहिष्कार करने की बात कही, सांसद गणेश सिंह अपमान के गुस्से से दहक रहे थे, अगर प्रदर्शनकारियो की माने तो रात होते होते सांसद के इशारे पर काले झंडे दिखाने वाले कुआं गांव के छः लोगो को गिरफ्तार लिया गया, आरोप था कि सांसद की कार रोककर विरोध और काले झंडे दिखाए, जबकि विरोध की सीधी तस्वीरें गवाह है कि प्रदर्शनकारियो ने सांसद की कार को रोका ही नही, दूर से नारेबाजी और काले झंडे दिखा रहे थे, कानून और संवैधानिक नागरिक अधिकारों के दायरे में विरोध प्रदर्शन को सत्ता के नशे चूर जनप्रतिनिधी दमन कर जेल में ठूंस रहे है, गिरफ्तार छः आरोपियों को आज बाबूपुर पुलिस ने अदालत में पेश किया, आरोपियों ने पूरे मामले को साजिश बताते हुये सत्ताधारियों द्वारा अंदोलन को दबाने की बात कह रहे है ।
क्या बोले सांसद, क्या थी विपक्ष की प्रतिक्रिया:-
कुआं गांव में छः प्रदर्शनकारियो की दुर्भावनापूर्ण गिरफ्तारी से नाराज सर्व समाज आक्रोशित हो उठा, सत्ता के दम एट्रोसिटी आंदोलन का विरोध और प्रदर्शनकारियो की गिरफ्तारी की आग शोला बनती मौके की नजाकत भांपते हुये सांसद ने आज सर्किट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी सफाई दी डाली,, सांसद गणेश सिंह का कहना था कि अचानक मेरी गाड़ी के सामने आकर काले झंडे दिखाना मुर्दा बाद के नारे लगाना उचित नहीं था,, वही इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी का हनन बताया, और कहा कि लोकतंत्र के हर किसी को अधिकार है वो विरोध कर सकता है,, मामले में 6 लोगो की गिरफ्तारी विरोध का दमन करने की कोसिस है, कांग्रेस इसके खिलाफ है,, यदि कोई कला झण्डा दिखा रहा तो उसकी आवाज को दवाना उचित नहीं मै इसकी भर्सना करता हूँ !
पुलिस की भूमिका:-
सत्ता के आगे नतमस्तक जिले की अफसरशाही पंगु नज़र आ रही है, कानून और संविधान का पालन करने कराने वाले खुद कानून का दुरुपयोग करके कानूनी लबादा ओढ़ने की कोशिश कर रहे है, सांसद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की सीधी तस्वीरें अगर सतना एसपी देख लेते तो मामला कायम करना तो दूर गिरफ्तारी भी नही होती, क्योकि पूरा विरोध प्रदर्शन कानून के दायरे में हुआ था,
सतना एसपी की माने तो कला झण्डा दिखा कर मुर्दा बाद के नारे लगाना अपराध नहीं,, पर वाहन के सामने आकर रास्ता रोकना अपराध की श्रेणी में आता है,, पर मौके की तस्बीरें साफ बयां कर रही की अपराध तो हुआ ही नहीं फिर गिरफ्तारी किस लिए,,, एट्रोसिटी का विरोध में सांसद के मुर्दाबाद नारे और कला झंडा दिखाना अपराध था तो कार्यक्रम के दौरान सांसद गणेश सिंह द्वारा पूरे गांव को सरकारी योजनाओं की सुविधा से महरूम कर देने की धमकी देने क्या अपराध की श्रेणी में नही आता ।