सालारजंग संग्रहालय एशिया का सबसे बड़ा और पुराना संग्रहालय है। यह भारत के हैदराबाद नगर में स्थित है।
- ऐसा माना जाता है कि यहाँ विश्व का सबसे बड़ा निजी संग्रह है।
- सालारजंग संग्रहालय की 38 गैलरियों में 43 हज़ार से ज़्यादा कलाकृतियाँ, 9 हज़ार पांडुलिपियाँ और 47 हज़ार मुद्रित पुस्तकें हैं। संग्रहालय में रखे कलाकृतियाँ भी बेजोड़ हैं।
- इस संग्रहालय का एक मुख्य आकर्षण 19वीं सदी की ब्रिटिश संगीतमय घड़ी है, जिसे इंग्लैंड से लाया गया है। इस घड़ी को देखने के लिए घड़ी के सामने बाकायदा बेंच और कुसिर्यों का इंतज़ाम किया गया है।
- इस संग्रहालय में नवाब तुरब अली ख़ान, जिन्हें सालारजंग प्रथम के नाम से जाना जाता था, उनके वंशजों द्वारा संग्रहित वस्तुएँ रखी गई हैं। तुरब ख़ान हैदराबाद के दीवान थे। सालारजंग में तृतीय उर्फ मीर यूसुफ़ अली ख़ान द्वारा संग्रहित बहुत सी वस्तुएँ भी रखी गई हैं। इनमें से कुछ 1876 में रोम से लाई गई कलाकृति, मार्क एडलाइन द्वारा 19 वीं शताब्दी में इटली में बनाई गई पेंटिंग, घड़ियाँ और मुग़लकालीन अस्त्र-शस्त्र हैं।
- यह संग्रहालय शुक्रवार को छोड़कर सप्ताह में सभी दिन खुला रहता है।