Statement Of Jaya Kishori: मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी (Jaya Kishori) की लोकप्रियता देश ही नहीं विदेशों में भी हैं। वो सोशल मीडिया की सुर्खियों में बनी रहती हैं। लोग उनकी तरक्की के राज के साथ उनसे जुड़ी हर चीज के बारे में जानना चाहते हैं। इस बीच जया किशोरी ने अपनी दो अधूरी ख्वाहिशों के बारे में इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर कर बताया हैं। बीते दिनों बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shashtri) के साथ उनका नाम जोड़ा जा रहा था।
हालांकि, बाबा ने इसका खंडन किया था। आपको जया किशोरी की जिंदगी से जुड़े कुछ अनकहे किस्से बताते हैं। आज चर्चा उनके उस दावे की जो उन्होंने कुछ समय पहले अपनी एक कथा के दौरान किया था। दरअसल, तब उन्होंने कहा था कि मोरनी, मोर के आंसुओं को पीकर गर्भवती होती हैं। आपको क्या लगता हैं? जया किशोरी के उस दावे में कितनी सच्चाई हैं।
जया किशोरी अपने लाइफ मैनेजमेंट टिप्स और मोटिवेशनल स्पीच देने के लिए युवाओं के बीच पॉपुलर होने के साथ कथा के आयोजनों के लिए डिमांड में हैं। वो लाइफ से जुड़े विषयों पर वे सेमिनार और वेबिनार लेती हैं। कुछ महीने पहले जया किशोरी ने कथावाचन के दौरान दावा किया था कि, मोरनी और मोर कभी शारीरिक संभोग नहीं करते हैं। मोरनी मोर के आंसुओं को पीकर गर्भवती होती हैं। उनके इस दावे पर सोशल मीडिया में लोगों ने अपनी अपनी सोच के हिसाब से अलग अलग राय रखी थी। दरअसल, जया किशोरी ने ये कहा था कि मोर और मोरनी कभी भी शारीरिक संभोग नहीं करते हैं। उन्होंने आगे कहा- ‘ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि फिर मोरनी के संतान कैसे होते हैं? इसी सभा में उन्होंने आगे कहा था कि, मोरनी मोर के आंसुओं को पीकर गर्भ धारण करती हैं। यही वजह हैं कि भगवान श्रीकृष्ण मोर पंख लगाते हैं।’
साइंस के दृष्टिकोण से उनके इस दावे में कोई सच्चाई नहीं हैं। मोर मोरनी संबंध स्थापित करते हैं। जिसके बाद मोरनी गर्भ धारण करती हैं। जया किशोरी से पहले एक अन्य कथा वाचक ने भी ये आंसू वाली थ्योरी देते हुए कहा था कि, मोर ब्रह्मचारी होता हैं। इसलिए उसे राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दिया गया हैं। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हैं। यह मिथक पूरी तरह मान्यताओं पर आधारित हैं। ऐसे में अगर आपके दिमाग में मोरनी के आंसू पीने वाली कोई गलतफहमी हो तो उसे फौरन दूर कर दीजिए।
दरअसल, मोर और मोरनी एक दूसरे के करीब आते हैं। मोरनी को देखकर मोर नाचने लगता हैं। मोरनी उसे निहारती हैं, और आकर्षित होने पर ही उसके सामने आती हैं। इसके बाद 10 से 15 सेकेंड की क्लॉकल किस की प्रक्रिया शुरू होती हैं। दुनिया के कई वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स (wildlife photographers) ने मोर मोरनी की मेटिंग यानी उनके संबंध बनाने की तस्वीरें ली हैं, और उन्हें दुनिया से साझा भी किया हैं। कुछ वाइल्ड लाइफ जर्नल्स में भी दावा किया गया हैं कि, इस पक्षी को संबंध बनाने में महज 15 सेकेंड तक का वक्त लगता हैं। इस दौरान मोर मोरनी में स्पर्म ट्रांसफर करता हैं। जिसकी वजह से मोरनी गर्भ धारण करती हैं।
इंटरनेट के आने से पहले भारतीय समाज में बहुत सी बातों को संकेतों के जरिए कहने का चलन रहा हैं। ऐसी ही एक कहावत आपने सुनी होगी कि, जंगल में मोर नाचा किसने देखा? इस मिसाल के क्या मायने हैं। इस पर भी एक अलग और लंबी बहस हो सकती हैं।