आज, 9 जून 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जा रही है. इसके चलते राष्ट्रीय दिल्ली में नो-फ्लाई जोन लागू किया जा चुका है. दिल्ली में दो दिन 9 और 10 जून को दिल्ली नौ फ्लाइंग जोन में होगी. ऐसे में बहुत से लोगों ने इसका शाब्दिक मतलब दो निकाल ही लिया होगा कि इस दौरान फ्लाइट्स उड़ानें नहीं भरेंगी. वहीं, बहुत से लोगों के मन में यह सवाल भी जरूर उठ रहा होगा कि आखिर नो फ्लाई जोन क्या होता है? आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं कि नो फ्लाइंग जोन क्या होता है और इसमें क्या-क्या उड़ाना बैन होता है.
जानिए नो फ्लाइंग जोन क्या है
हालांकि, आपने पहले भी कई बार इस शब्द को सुना ही होगा, लेकिन आज जानेंगे कि असल में नो फ्लाइंग जोन क्या होता है. सबसे पहले तो आपको ये बता दें कि पूरी दुनिया में अलग-अलग क्षेत्रों को कई कारणों से नो-फ्लाइंग जोन घोषित किया जाता है. इस दौरान उन क्षेत्रों में एयरप्लेन और हेलीकॉप्टर्स उड़ान नहीं भर सकते. इन प्रतिबंधों के पीछे सुरक्षा कारणों समेत और भी कई वजह होती हैं.
क्यों और कब लागू होता है नो फ्लाइंग जोन?
1. सैन्य लड़ाई के दौरान दुश्मन के विमानों को अपने हवाई क्षेत्र में आने से रोकने के लिए नो-फ्लाइंग जोन लागू कर दिया जाता है. ताकि देश के नागरिकों की सुरक्षा हो सके, देश में मौजूद महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा हो सके और युद्ध के मैदान में संतुलन बनाकर रख सके.
2. इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण के चलते भी ऐसा किया जाता है, जब कुछ एरिया में नो-फ्लाइंग जोन लागू किया जा सकता है. इसका मकसद वन्यजीव आवासों, प्रवासी पक्षियों के मार्गों की सुरक्षा करना होता है.
3. देश की सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए कई देश अपने कुछ क्षेत्रों को नो फ्लाइंग जोन घोषित कर देते हैं. जैसे कि यूएस ने अपने राष्ट्रपति निवास, कैम्प डेविड समेत कुछ क्षेत्रों में नो-फ्लाइंग जोन लागू कर रखा है.
4. इसके अलावा कई देशों ने अपने-अपने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के आसपास भी नो-फ्लाइंग जोन लागू कर रखा है.
शपथ ग्रहण समारोह के चलते दिल्ली में सुरक्षा इंतजाम
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के चलते 9 और 10 तारीख को दिल्ली पुलिस ने नो फ्लाई जोन घोषित किया है. इस दौरान ग्लाइडर, माइक्रोलाइट विमान, दूर से संचालित विमान, हॉट एयर बलून, किसी भी तरह के ड्रोन पर बैन रहेगा. साथ ही कार्यक्रम की सुरक्षा में एसपीजी, राष्ट्रपति के सिक्योरिटी गार्ड, आईबी, अर्द्धसैनिक बल, एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो और एनडीआरएफ की टीमें मुस्तेद रहेंगी. जबकि, विदेश मेहमानों के लिए G-20 के दौरान सेफ्टी स्टैंडर्ड को फॉलो किया गया था, उन्हें शपथ ग्रहण के दौरान भी अपनाया जाएगा.
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