देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आगाह किया है। केंद्र ने जरुरत पड़ने पर राज्यों से कड़े प्रतिबंध लागू करने के लिए कहा है। जिसमें नाईट कर्फ्यू, सोशल गैदरिंग पर रोक लगाना और कंटेनमेंट जोन बनाना तक शामिल है।
केंद्र ने राज्यों से ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए वार रूम को एक्टिव करने का भी निर्देश दिया है और साथ ही कोरोना मामलों पर लगातार ध्यान देने के लिए कहा है। यह निर्देश दिया गया है कि ओमिक्रोन वेरिएंट के बढ़ते केसेज और कोरोना के बढ़ते मामलों के शुरूआती संकेत मिलने पर ही जरुरी उपाए भी किए जाएं।
ओमिक्रोन मामलों की संख्या 200 से अधिक होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों को यह निर्देश दिया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सात राज्यों में ओमिक्रोन का आंकड़ा दहाई को पार कर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में मिले हैं। महाराष्ट्र में अभी तक के आंकड़ों के अनुसार करीब 54 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा दिल्ली में भी 54, तेलंगाना में 20, कर्नाटक में 19, राजस्थान में 18, केरल में 15 और गुजरात में 14 मामले दर्ज किए गए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा कि जिला स्तर पर कोरोना से प्रभावित आबादी, इसके बढ़ते प्रसार, अस्पताल में मौजूद सुविधाएं, मैन पॉवर, कन्टेनमेंट जोन को बनाने और इसको लागू करने से जुड़े आंकड़ों की लगातार समीक्षा होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि इन्हीं आधार पर जिला स्तर पर प्रभावी निर्णय लिया जाना चाहिए और इस तरह की रणनीति यह सुनिश्चित करती है कि राज्य के अन्य हिस्सों में कोरोना के संक्रमण फैलने से पहले ही स्थानीय स्तर पर उसको रोका जा सके।
केंद्र ने यह भी कहा है यदि किसी जिले में पिछले एक सप्ताह में 10% या उससे अधिक पाजिटिविटी रेट दर्ज किया गया हो या 40% से ज्यादा बेड भर गए हों या उससे ज्यादा ऑक्सीजन एवं आईसीयू वाले बेड पर मरीज हों तो जिला स्तरीय प्रतिबंध लगाया जा सकता है। हालांकि राज्य मौजूदा स्थिति को देखते हुए और ओमिक्रोन के खतरे को भांपते हुए इन आंकड़ों को दर्ज होने से पहले ही प्रतिबंध लागू कर सकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए किए गए उपायों में नाईट कर्फ्यू, बड़ी सभाओं पर रोक लगाना, विवाह और अंतिम संस्कार जैसे कार्यक्रमों में लोगों की संख्या कम करना, कार्यालयों, उद्योगों और सार्वजनिक परिवहन में भी संख्या कम करना शामिल है। साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड पॉजिटिव मामलों के सभी नए समूहों के मामले में कंटेनमेंट जोन की त्वरित अधिसूचना जारी किया जाना चाहिए और बफर ज़ोन किया जाना चाहिए। इसके अलावा मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार कंटेनमेंट जोन की सख्त परिधि सुनिश्चित की जानी चाहिए और सभी क्लस्टर नमूनों को बिना किसी देरी के जीनोम अनुक्रमण जांच के लिए INSACOG प्रयोगशालाओं में भेजा जाना चाहिए।