2024 के आम चुनाव में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार 9 जून यानी रविवार को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति ने उन्हें नियुक्ति पत्र भी सौंप दिया है। राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी से उनके अलावा केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाले अन्य सदस्यों के नामों की भी जानकारी मांगी है। इसके बाद से ही मोदी 3.0 कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों के नामों की चर्चा तेज हो चली है। भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की वजह से इस बार सहयोगी टीडीपी और जेडीयू कोटे से भी कई मंत्री शामिल हो सकते हैं।
इस बात पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं कि नरेंद्र मोदी की नई टीम में कौन-कौन शामिल होगा? इसमें कितने नए चेहरे देखने को मिलेंगे और कितने पुराने चेहरों को जगह मिलेगी? इसे लेकर फिलहाल आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं आई है, लेकिन अंदरखाने से छत्तीसगढ़ के कुछ नेताओ के नाम सामने आए हैं। इन्हें प्रदेश से मंत्री बनाए जा सकते हैं।
राज्य में भाजपा की परफार्मेंस बेहतर होने की वजह से प्रदेश से एक केंद्रीय मंत्री बनना तय बताया जा रहा है। इस दौड़ में सबसे आगे बृजमोहन अग्रवाल, संतोष पांडेय और विजय बघेल चल रहे हैं। मंत्री बनने में सबसे आगे बृजमोहन अग्रवाल का नाम है। अग्रवाल आठ बार से विधायक रहे हैं। प्रदेश की सबसे बड़ी और देश की टॉप 10 लीडरशिप में शामिल हैं। राज्य में मंत्री रहने का लंबा अनुभव है। सत्ता और संगठन दोनों में मजबूत पकड़ के साथ राज्य में जननेता की छवि है। लगातार विधायक बनने के बाद पहली बार के सांसद बने हैं। वहीं संसद में अनुभव की कमी है।
अग्रवाल मध्यप्रदेश के पटवा शासन काल में तीन साल और छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार में 15 साल मंत्री रहे हैं। कृषि विभाग के कार्यकाल में नरेंद्र मोदी इनके काम को सराह चुके हैं। अग्रवाल 1990 में पहली बार विधायक चुने गए। साल 2023 में 8वीं बार जीतकर आए। 1990-92 में बृजमोहन अविभाजित मध्यप्रदेश में मंत्री रहे। राज्य बनने के बाद साल 2003, 2008 और 2013 में भी महत्वपूर्ण विभागों का मंत्री पद बृजमोहन के पास रहा। 2018 में कांग्रेस की लहर में भी जीतकर आए।
मंत्री बनने की दौड़ में राष्टीय स्वयं सेवक संघ के करीबी व दूसरी बार के सांसद बने राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय का नाम है। पांडेय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश को हराकर प्रदेश में कांग्रेस को कमजोर करने का इनाम मिल सकता है। पांडेय की गिनती मोदी-शाह के करीबियों में होती है। सरल-सहज छवि वाले पांडेय को प्रशासनिक अनुभव की कमी है।
इसके अलावा ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा दुर्ग के सांसद विजय बघेल का नाम भी चर्चा में है। विजय बघेल की सबसे बड़ी ताकत ओबीसी वर्ग से होना है। इसके अलावा लगातार दो बार दुर्ग लोकसभा से 3 लाख से अधिक की लीड से जीतना है। बघेल को लंबा राजनीति अनुभव है। उनकी प्रदेश में तेज तर्रार नेता की छवि है। इसके अलावा सत्ता- संगठन में अच्छा अनुभव है। लेकिन बघेल को प्रशासनिक अनुभव की कमी है। हाल ही में विधायक का चुनाव हार गए थे। महिलाओं में से महासमुंद सांसद रूप कुमारी चौधरी व जांजगीर-चांपा से एकमात्र एससी सीट से सांसद बनीं कमलेश जांगड़े दावेदार हैं। छत्तीसगढ़ भाजपा सूत्रों का कहना है कि भाजपा को प्रदेश की सामाजिक-जातिगत समीकरण साधने के लिए इन नामों पर विचार करना होगा। इनमें से किसी एक या दो को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है।
प्रदेश में इनका भी बढ़ेगा कद
छत्तीसगढ़ में 9 से एक कदम आगे बढ़कर 10 सीटें जीतने पर भाजपा के कुछ नेताओं का कद बढ़ना तय बताया जा रहा है। इसमें सबसे पहला नाम मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का है। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव हैं। इसके अलावा महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने एक बार फिर अपनी रणनीति का कमाल दिखाया। विधानसभा में सरगुजा प्रभारी रहते हुए उनके नेतृत्व में पार्टी ने 14 सीटें जीतीं। लोकसभा के पहले उन्हें महामंत्री बनाया गया था। कोषाध्यक्ष नंदन जैन, निर्वाचन आयोग संपर्क समिति के संयोजक डॉ. विजय शंकर मिश्रा और प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने पर्दे के पीछे रहकर काम किया।
छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की संभावना
बृजमोहन के सांसद बनने के बाद एक मंत्री का पद खाली हो जाएगा। पहले से एक मंत्री का पद खाली है। इस तरह मंत्रिमंडल में दो मंत्रियों की जगह होगी। सूत्रों की मानें तो तीन मंत्री बदले जा सकते हैं। कोरबा चुनाव हारने के बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की कुर्सी खतरे में है। वजह है कि मंत्री की विधानसभा मनेंद्रगढ़ में ही पार्टी 4600 वोटों से हारी है। खेलमंत्री टंकराम वर्मा और महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के बदलने की भी चर्चा है।
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