नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम की पीएम मोदी से मुलाकात ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद से ही कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्रेंड कर रहे हैं और उनके कई बयान वायरल हो रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें उत्तर प्रदेश के सम्भल में 19 फरवरी को आयोजित होने वाले श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह के लिए आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘मुझे 19 फरवरी को होने वाले श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसे स्वीकार करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार एवं धन्यवाद।’ बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस में रहते हुए कांग्रेस की नीतियों और राम मंदिर पर उसके स्टैंड के मुखर आलोचक रहे हैं।
कांग्रेस नेता के इस पोस्ट का जवाब देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आस्था और भक्ति से जुड़े इस पवित्र अवसर का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। आमंत्रण देने के लिए आपका हृदय से आभार आचार्य प्रमोद जी।’ दरअसल, यह मुलाकात भले ही एक धार्मिक कार्यक्रम के निमंत्रण से जुड़ा है, मगर लोग अब इसके राजनीतिक मायने निकालने लगे हैं। सोशल मीडिया पर कयासों का दौर शुरू हो गया है।
गौरतलब है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम ने 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लखनऊ से लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे। पिछले कुछ समय से वह कांग्रेस नेतृत्व के कुछ फैसलों की आलोचना कर रहे हैं। कृष्णम ने 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस नेताओं के भाग नहीं लेने के फैसले की भी आलोचना की थी। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि उन्हें सूली पर चढ़ना मंजूर है, मगर सिर झुकाना मंजूर नहीं।