नई दिल्ली. देश में 1 अक्टूबर से अनलॉक 5 की शुरुआत हो रही है. इस दौरान लोगों में सबसे ज्यादा उत्सुकता स्कूलों-कॉलेजों के खुलने को लेकर है. स्कूल में प्रवेश करने और बाहर निकलने के लिए अलग-अलग गेट का उपयोग किया जा सकता है. एक कक्षा में 20 से अधिक छात्रों को अनुमति नहीं दी जा सकती है. छात्रों को अपने लंच बॉक्स को अपने साथी छात्रों के साथ साझा करने की अनुमति नहीं होगी. अनलॉक 5.0 के दिशानिर्देशों में यह स्पष्ट होगा कि बच्चे 1 अक्टूबर से स्कूल जा सकेंगे या कुछ महीने और इंतजार करेंगे.
देश में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसी स्थिति में, स्कूल-कॉलेज के खुलने पर संदेह बना हुआ है. महामारी के दौरान ही 21 सितंबर से देश के कई राज्यों में स्कूल आंशिक रूप से खोले गए हैं, लेकिन अधिकांश राज्यों में स्कूल अभी भी बंद हैं. राज्य सरकारों के साथ, बच्चों के माता-पिता भी इस महामारी के काल में बच्चों को स्कूल भेजने के बारे में कोई ठोस निर्णय लेने में असमर्थ महसूस कर रहें हैं. स्कूल बंद के दौरान ज्यादातर राज्यों में बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं पर निर्भर हैं. अब उम्मीद है कि सरकार स्कूल-कॉलेज को सुचारू रूप से खोलने के लिए अनलॉक 5.0 में कुछ दिशानिर्देश निर्धारित करेगी.
कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के बाद भारत अनलॉक के चौथे चरण में है और इसके लिए, केंद्र सरकार द्वारा अगस्त में एक दिशानिर्देश जारी किया गया है. इस दिशानिर्देश में यह कहा गया था कि 9 वीं कक्षा से 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूलों को फिर से खोल दिया गया है. सरकार ने कुछ नियम निर्धारित किए है. जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान किसी भी छात्र को स्कूल जाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है.
यह भी कहा गया था कि छात्रों को स्वैच्छिक आधार पर माता-पिता की लिखित सहमति के बाद स्कूल जाकर टीचर से सलाह लेने की इजाजत होंगी. अब जैसे ही अक्टूबर शुरू होगा, देश अनलॉक करने के पांचवें चरण में प्रवेश करेगा. केंद्र सरकार जल्द ही अनलॉक 5.0 के बारे में एक दिशानिर्देश जारी कर सकती हैं. हालाँकि, अभी कोरोना के बढ़ते मामले स्कूल कॉलेज खोलने के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा हैं और इस कारण से, माता-पिता भी स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं हैं.