देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस का कहर तेजी से फैलते जा रहा है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी कोरोना वायरस के नए मामलों में बड़ा इजाफा देखने को मिला है और कोरोना के इस खतरनाक कहर से बच्चे भी अछूते नहीं हैं। लेटेस्ट डेटा के मुताबिक, मंगलवार को करीब 2000 कोरोना वायरस के नए मामलों में 20 मामले उन बच्चों में थे, जिनकी उम्र दस साल से नीचे है। यहां चौंकाने वाली बात है कि अकेले बेंगलुरु में अब तक इस महीने में कोरोना वायरस से कुल 500 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि, नगर निगम का कहना है कि बच्चों के बीच मामलों में कोई वास्तविक उछाल नहीं है।
ब्रुहट बेंगलुरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) के निवर्तमान आयुक्त मंजूनाथ प्रसाद ने एनडीटीवी को बताया कि 1 मार्च के बाद से हमने लगभग 32,000 स्कूली छात्रों का कोरोना टेस्ट किया है। इनमें से केवल 121 बच्चो कोविड से संक्रमित पाए गए हैं। जो कुल मामलों का महज .38 प्रतिशत है। इसलिए हम स्पष्ट रूप से कह सकते हैं कि बेंगलुरु में बच्चे बड़ी संख्या में संक्रमित नहीं हैं।
उनका कहना है कि सबसे अधिक 20 से 40 साल के उम्र के लोगों को कोरोना वायरस अपनी चपेट में ले रहा है और उन्हें संक्रमित कर रहा है। इस बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने स्पष्ट कर दिया है कि करोना के बढ़ते मामलों के बावजूद भी स्कूल खुले रहेंगे।
येदियुरप्पा ने कहा अगर बच्चे स्कूल आते हैं तो वे अनुशासन के साथ एक स्थान पर होंगे। अगर वे घर पर हैं तो वे हर किसी के साथ घुल-मिल जाएंगे। नियंत्रण के दृष्टिकोण से स्कूलों का खुला होना अच्छा है। परीक्षाएं 15 दिनों में होंगी। हालांकि, कुछ अभिभावक चाहते हैं कि कोरोना के बढ़ते मामले के बीच स्कूलों को बंद कर दिया जाए।
देश में कोरोना से हाहाकार
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 72,330 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,22,21,665 हो गई। इस वर्ष सामने आए संक्रमण के ये सर्वाधिक मामले हैं। इससे पहले 11 अक्टूबर 2020 को एक दिन में 74,383 नए मामले सामने आए थे। लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 459 और मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,62,927 हो गई। करीब 116 दिन बाद एक दिन में संक्रमण से मौत के इतने अधिक मामले सामने आए हैं। आंकड़ों के अनुसार, पिछले 22 दिनों से लगातार बढ़ते नए मामलों के साथ ही उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी बढ़कर 5,84,055 हो गई, जो कुल मामलों का 4.78 प्रतिशत है। इस साल 12 फरवरी को उपचाराधीन मरीजों की संख्या सबसे कम 1,35,926 थी, जो तब के कुल मामलों का 1.25 प्रतिशत थी।