अंधविश्वास ऐसा जहर है जो लोगों की सोच को कुंद कर देती है। बिहार और झारखंड जैसे प्रदेशों के ग्रामीण इलाकों में आज भी इसके मकड़जाल में अधिकतर लोग फंसे हुए हैं। इस चक्कर में आकर कई बार लोग अपना सबकुछ दांव पर लगा देते हैं। हालांकि कई बार इसकी आड़ में कई बार बेजा आरोप भी लगा दिए जाते हैं जबकि मामला कुछ और ही निकलता है। बिहार के औरंगाबाद से ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें एक महिला ने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया है कि एक तांत्रिक ने सपने में उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया। थाने में शिकायत मिली है और इस मामले की तफ्तीश की जा रही है।
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि कुडवा थाने के गांधी मैदान इलाके की रहने वाली महिला ने इस साल जनवरी में तांत्रिक प्रशांत चतुर्वेदी से संपर्क किया था, क्योंकि उसका बेटा गंभीर रूप से बीमार था। मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार महिला ने तांत्रिक के कहने पर अपने बेटे के ठीक होने के लिए तंत्र-मंत्र की अनुष्ठान प्रक्रिया करवाई थी, लेकिन उसके बेटे की 15 दिन बाद मौत हो गई।
कुड़वा थाने के एसएचओ अंजनी कुमार ने इस मामले में कहा, अपने बेटे की मौत के बाद महिला काली बाड़ी मंदिर गई, जहां चतुर्वेदी रहता है, और उससे यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि उसके बेटे की मौत कैसे हुई। महिला ने आरोप लगाया कि चतुर्वेदी ने उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया, लेकिन उसके बेटे ने उसे बचाया। उसने आगे आरोप लगाया कि चतुर्वेदी तब से उसके सपने में आ रहा है और बार-बार उसके साथ दुष्कर्म कर रहा है।
एएचओ ने कहा कि उस समय महिला ने पुलिस में शिकायत नहीं की थी। एसएचओ ने कहा, चूंकि हमें चतुर्वेदी के खिलाफ लिखित शिकायत मिली थी, हमने उससे पूछताछ की। चतुर्वेदी ने शिकायतकर्ता को जानने से इनकार करते हुए कहा कि वह उससे कभी नहीं मिला। चूंकि हमारे पास चतुर्वेदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, इसलिए हमने उसे बॉन्ड दाखिल करने के बाद रिहा कर दिया।