सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, नए साल से पहले राज्य सरकार ने दी ये बड़ी खुशखबरी

Good news for government employees: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने शनिवार को कैबिनेट बैठक की। इस बैठक में राजस्थान सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकारी कर्मचारियों के लिए खास खुशखबरी है। बैठक में निर्णय में लिया गया कि पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं के कर्मचारियों को भी 7वें राज्य वित्त आयोग का लाभ मिलेगा।

7वें राज्य वित्त आयोग के गठन के प्रस्ताव का अप्रूवल

डिप्टी सीएम डॉक्टर प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरपालिकाओं के लिये 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन के प्रस्ताव का अप्रूवल किया गया है। इस आयोग के अवार्ड का समय 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक होगा।

वेतन सुधारों और पदोन्नति की मंजूरी

इसके साथ ही बैठक में IAS खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति की वेतन विसंगति दूर करने, वेतन सुधारों और पदोन्नति के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराने संबंधी सिफारिशों को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है।

सरकारी कर्मचारियों के लिए ये महत्वपूर्ण

भजनलाल सरकार का यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे राज्य के सरकारी कर्मचारियों के वेतन और प्रमोशन संबंधी समस्याओं को हल करने में खासा मदद मिलेगी। 

जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर विधेयक

बता दें कि राजस्थान की बीजेपी सरकार जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में एक विधेयक पेश करेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि विधेयक आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा।

1 से 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान

पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कुल नौ नीतियों को मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने राज्य में जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में एक विधेयक लाने का फैसला किया है। विधेयक में एक साल से लेकर दस साल तक की सजा का प्रावधान है, जिसमें किसी व्यक्ति या समूह का जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर जुर्माना लगाया जा सकता है।’

डीएम को बताना होगा पहले

मंत्री ने कहा कि विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर कोई धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसे धर्म परिवर्तन से 60 दिन पहले जिला मजिस्ट्रेट को आवेदन देना होगा। उन्होंने कहा, ‘जिलाधिकारी यह जांच करेंगे और तय करेंगे कि यह जबरन धर्म परिवर्तन है या स्वेच्छा से।’