बांसवाड़ा। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी इलाके में एक अनोखा विवाह संपन्न हुआ है। यहां के आमलिया आंबादरा गांव में एक दूल्हे ने अपनी दो प्रेमिकाओं के साथ सात फेरे लिए हैं। ऐसा नहीं है कि यह शादी कोई गुपचुप तरीके से हुई, बल्कि सभी रस्मों रिवाज के साथ नाते रिश्तेदारों और ग्रामीणों की उपस्थिति में हुई है। सभी ने फूलों की बारिश कर दूल्हे और दोनों दुल्हनों को आशीर्वाद दिया। दूल्हे के पहली प्रेमिका से दो बच्चे भी हैं।
जानकारी के अनुसार आंबादरा निवासी नरेश पारगी ने गुरुवार रात रेखा पुत्री शंकरलाल गांव खंडोरा और अनिता पुत्री अमरु डामोर के साथ सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार विवाह रचाया। दूल्हे नरेश ने बताया कि वर्ष 2013 में उसका रेखा पर दिल आ गया था। दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे। इस पर वह रेखा को नातरा कर यानी बिना शादी किए घर ले आया।
आर्थिक स्थिति कमजोर से दोनों से शादी नहीं कर पाया था दूल्हा
उसके बाद वर्ष 2018 में उसे अनिता से प्यार हो गया. इस पर वह उसे भी घर ले आया, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह दोनों से शादी नहीं कर पाया था। इसके चलते सामाजिक रीति-रिवाज बाकी थे। इसलिए गुरुवार रात धूमधाम से ढोल-नगाड़ों के साथ उसने दोनों प्रेमिकाओं से शादी की। इस अनोखी शादी को देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे। हर किसी ने इस शादी के वीडियो को अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया।
पहली प्रेमिका से दो बच्चे हैं नरेश के
दूल्हा और दोनों दुल्हनों ने अपनी मर्जी से यह शादी की है। दुल्हन रेखा ने बताया कि प्रेम प्रसंग के बाद से वह नरेश के घर रह रही है। नरेश के परिवार ने भी उसे कबूल कर लिया। उसके बाद उसने एक बेटी को जन्म दिया. वह अब 6 साल की है। दो महीने पहले एक बेटे का भी जन्म हुआ है। वहीं दुल्हन अनिता ने बताया कि उसका वर्ष 2018 में नरेश के साथ प्रेम प्रसंग हुआ था। नरेश के पहले से एक पत्नी होने के बाद भी वह उसे स्वीकार कर उसके साथ घर रही है।
सुबह नातरा का कार्यक्रम हुआ और शाम को हुए फेरे
नरेश ने गुजरात में मजदूरी कर कुछ पैसा जोड़कर सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार शादी करना चाहता था। लिहाजा अब शादी हुई है। निमंत्रण पत्रिका में दोनों दुल्हनों के नाम लिखवाए गए। निमंत्रण पत्रिका परिजनों और परिचितों में वितरित की गई। गुरुवार सुबह नातरा का कार्यक्रम रखा गया और रात करीब 11 बजे सामाजिक रीति रिवाजों के अनुसार दोनों दुल्हनों को फूल माला पहनाकर दूल्हे ने सात फेरे लिए।
आदिवासी समाज में एक पुरुष द्वारा दो पत्नियां रखना आम बात है
सरपंच तुलसी देवी ने बताया कि आदिवासी समाज में एक पुरुष द्वारा दो पत्नियां रखना आम बात है। यह प्रथा आदिवासी क्षेत्र में बरसों से चली आ रही है। कई लोग दो पत्नियां रखते हैं। नरेश के विवाह में हम परिवारजन भी सम्मिलित हुए।