मुंबई। दूल्हे को घर आने के लिए ट्रेन का कन्फर्म टिकट नहीं मिल रह है तो दूल्हन घर पर क्वारंटाइन है। शादी में महज तीन दिन बचे हैं। ऐसे में शादी हो तो कैसे? इसी चिंता में दोनों परिवार परेशान हैं। उत्तर प्रदेश के पिपराइच के रहने वाले श्याम और शालिनी की शादी 26 अप्रैल को होनी है। श्याम दिल्ली में नौकरी में करते हैं और शालिनी मुम्बई में। शालिनी बीते 18 अप्रैल को गोरखपुर पहुंच गईं। हालांकि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वह सेल्फ क्वारंटाइन हो गईं हैं। उधर 18 अप्रैल से श्याम ट्रेन के टिकट के लिए परेशान हैं। उन्हें कन्फर्म बर्थ ही नहीं मिल रही है।
श्याम का कहना है कि बस में भीड़ की हालत देखते हुए इतने लंबे सफर का रिस्क लेने का साहस नहीं कर पा रहा हूं। उन्होंने कोरोना को देखते हुए रिश्तेदारों को तो शादी में आने से मना कर दिया है लेकिन वे शादी तय तारीख पर ही करेंगे। टिकट मिले या न मिले। भले ही दिल्ली से गोरखपुर तक बाइक से आना पड़े।
फोन पर बातचीत में श्याम ने बताया कि गुरुवार को भी उन्हें ट्रेन में जगह नहीं मिली तो बाइक की टंकी फुल कराकर गोरखपुर के लिए निकल लूंगा।उन्होंने बताया कि बाइक से गोरखपुर आने में 20 घंटे लगेंगे। आने के बाद वह कोरोना की जांच कराएंगे और तय तारीख पर बिल्कुल ही सादे समारोह में शादी करेंगे।
इधर, शालिनी का कहना है कि वह क्वारंटाइन जरूर हैं लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं है। कोरोना के कोई लक्षण नहीं है। श्याम आ जाएं तो निर्धारित समय पर सादे समारोह में दोनों विवाह करेंगे। उन लोगों की वजह से रिश्तेदारों-मित्रों दिक्कत न हो इसलिए घर में ही 15 से 20लोगों की उपस्थिति में शादी करने का प्लान बनाया गया है। इससे कोविड प्रोटोकाल का पालन भी हो जाएगा और हमारी शादी भी। श्याम के भाई विनय बताते हैं कि श्याम को बाइक से आने से मना किया जा रहा है वह कह रहा है कि ट्रेन में सीट नहीं मिलेगी तो संक्रमण से बचन का इससे सुरक्षित दूसरा कोई विकल्प नहीं है।