कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में कोरोना का कहर जारी है। बढ़ते संक्रमितों की संख्या ने प्रशासन और स्वास्थ्य को चिंता में डाल दिया है। मौत के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए प्रशासन ने तमाम अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि इलाज में कोताही न बरती जाए। लेकिन इसके विपरीत शहर में एक ऐसा मामला देखने को मिला, जिसमें एक मजबूर बेटा अपने पिता को एंबुलेंस में रखकर अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा आखिरकार एंबुलेंस में ही पिता ने दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि इलाज अभाव में उनकी मौत हो गई।
जूही में इलाज ना मिलने से कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई। बाबू पुरवा 40 दुकान निवासी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में निदेशक के पीए रंजन पाल सिंह 4 दिन से बीमार थे। शुक्रवार को बेटा कमलजीत सिंह पिता को लेकर नरोना चौराहा स्थित एक निजी अस्पताल ले गया। जांच में पता चला कि निरंजन कोरोना संक्रमित हैं। कमलजीत ने पिता निरंजन को भर्ती कराने के लिए बोला। उनका आरोप है कि चिकित्सकों ने भर्ती करने से मना कर दिया।
इसके बाद कमलजीत पिता को लेकर हैलट अस्पताल पहुंचा तो वहां भी चिकित्सकों ने बेड फुल होने की बात कही। यहां से सर्वोदय नगर और गोविंद नगर के निजी अस्पताल गया तो वहां भी जगह नहीं मिली। इसके बाद पनकी के निजी अस्पताल की ओर निकला। इसी दौरान जूही लाल पैलेस के सामने निरंजन ने दम तोड़ दिया। एंबुलेंस से उतरकर बेटा चीख-पुकार मचाने लगा। इस लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
एडीएम सिटी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है इसकी जांच करवाई जा रही है। जांच के बाद जिसका भी दोष होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एडीएम अतुल कुमार ने बताया कि परिजनों ने अभी तक किसी प्रकार की कोई तहरीर नहीं दी है। जैसे ही तहरीर मिलेगी, उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।