फटाफट डेस्क : सोने के दाम कभी भी स्थिर नहीं रहते हैं। जिसको लेकर ग्राहकों में असमंजस की स्थिति बनी रहती है। सोना-चांदी जब आप खऱीदने जाते हैं तो किसी जानकार को लेकर जाते हैं, फिर भी आपको अपेक्षाकृत ठीक सोना और सही दाम पर नहीं मिल पाता है।लेकिन अब आप कुछ नए नियमों के बारे में जान लें, जिससे आप फर्जीवाड़ा से बच सकते हैं। जनवरी 2021 से सोना और चांदी बिना हॉलमार्क के नहीं बिकेगा। हॉलमार्क समेत चार और निशान भी गहनों पर होंगे।
सोना-चांदी के गहनों पर ये चारों निशान फर्जी तो नहीं हैं, इसकी जांच भी आप करा सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको 35 रुपये अलग से खर्च करने होंगे। साथ ही विक्रेता गहनों पर हॉलमार्क समेत चारों निशान अंकित करने की फीस भी 25 रुपये से अधिक नहीं ले पाएंगे। यह व्यवस्था 31 जनवरी के बाद देश में लागू हो जाएगी। भारतीय मानक ब्यूरो की हरियाणा इकाई ने लोगों को इस संदर्भ में जागरूक करने का फैसला किया है। इसके चलते भारतीय मानक ब्यूरो प्रदेश में शिविर लगाकर आमजन को इसकी विस्तृत जानकारी से अवगत करवाएंगे। शिविरों की शुरुआत कुरुक्षेत्र के बारना गांव से हो गई है। महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के साथ टाइअप करके मानक ब्यूरो अन्य जिलों में इस अभियान को आगे बढ़ाएगा।
कैसे होता है फर्जीवाड़ा
गहनों के कैरेट के नाम पर बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा होता है। 14, 18 और 22 कैरेट के गहनों के खरेपन में भी खरीद के दौरान अमूमन खोट होती थी और लोग इसे जान नहीं पाते थे। इसका खुलासा तब होता था, जब वही गहने दोबारा बिकने के लिए मार्केट में आते हैं और उनकी जांच होती है। मगर हॉलमार्क समेत अन्य चार निशान अंकित होने से इस फर्जीवाड़े में कुछ हद तक कमी आएगी और गहनों का खरापन बरकरार रहेगा।
भारतीय मानक ब्यूरो के वैज्ञानिक ‘ई’ राजीव वत्स ने बताया कि शिविरों में लोगों को जागरूक करने का शेड्यूल तय कर लिया गया है। जागरूक करने वाले वैज्ञानिकों की टीम में उनके साथ वैज्ञानिक ‘सी’ दीपक कुमार भी शामिल हैं। लोगों को जागरूक करते हुए बताया जाएगा कि सोने और चांदी पर हॉलमार्क निशान के साथ-साथ कैरेट का डिस्पले, भारतीय मानक ब्यूरो का लोगो और संबंधित विक्रेता की फर्म का निशान अंकित होगा। विक्रेताओं ने ये चारों निशान फर्जी तो नहीं लगाए। इसकी जांच भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा अधिकृत हॉलमार्किंग केंद्रों में हो सकेगी। हर जिले में ये सेंटर मौजूद हैं। जांच फीस सिर्फ 35 रुपये है।