Political Rift, Mamata Banerjee, Politics : पश्चिम बंगाल में नए विधायकों की शपथ ग्रहण समारोह को लेकर तृणमूल कांग्रेस और राज्यपाल के बीच तनातनी बढ़ गई है। इस मामले में विवाद इतना बढ़ गया है कि विधायक सायंतिका बंद्योपाध्याय और रायत होसैन ने राजभवन के बजाय विधानसभा में ही अपनी शपथ लेने की मांग की है।
इसके पीछे मुख्य वजह राजभवन में महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल की कमी होना बताया जा रहा है।
Political Rift : शपथ ग्रहण के लिए विधायकों का धरना
विधायकों ने बुधवार को राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा राजभवन में शपथ ग्रहण के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने विधानसभा परिसर में बीआर अंबेडकर की प्रतिमा के सामने धरना दिया और विधानसभा अध्यक्ष से ही शपथ लेने की मांग की। इसमें उन्हें विधानसभा के अंदर ही शपथ लेने की इच्छा जाहिर की गई है।
Political Rift : राज्यपाल के खिलाफ आरोप
दोनों विधायकों ने अपनी शपथ ग्रहण समारोह में राजभवन जाने का इनकार किया और उन्होंने इसके पीछे अपने आरोप भी साझा किए हैं। उनका कहना है कि राजभवन में महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल नहीं है और वहां की गतिविधियां भी उन्हें अस्वीकार्य लगती हैं। इस मामले में विधायकों की इस मांग के पीछे कुछ पूर्वाग्रह भी हो सकता है, जैसे कि लोकसभा चुनाव के दौरान राज्यपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था।
Political Rift: राज्यपाल के खिलाफ तेज रही ममता बनर्जी
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि इस प्रक्रिया में राज्यपाल का व्यवहार अनुचित था और उन्होंने विधायकों के साथ उचित तरीके से व्यवहार नहीं किया।
Political Rift : ममता बनर्जी का बयान
विधायकों की इस मांग के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा, “कोई भी राजभवन नहीं जाना चाहता क्योंकि वहां कुछ ऐसी गतिविधियां चल रही हैं जिनके बारे में हमे अनुभव होता है।”
इस विवाद से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय का इंतजार है जिससे विधायकों के साथ राज्यपाल के बीच की उसे सुलझाने में मदद मिल सके। वर्तमान में यह विवाद पश्चिम बंगाल राजनीतिक समाज के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है, जिसमें विभाजन और संघर्ष के साथ राजनीतिक समझौते की आशा की जा रही है।