लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार को अपने कर्मचारियों के लिए नई सोशल मीडिया पॉलिसी जारी की। यूपी पुलिस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि पुलिसकर्मियों द्वारा वर्दी में ‘अशोभनीय’ वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड करने से विभाग की छवि धूमिल हुई है, इसलिए भविष्य में इसे रोकने के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी बनाई गई है। पुलिस विभाग द्वारा जारी इस पॉलिसी में साफ शब्दों में सोशल मीडिया पर प्रतिबंधित गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई है।
नई पॉलिसी में रील्स बनाने पर कई प्रतिबंध लगे
पॉलिसी में सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया का व्यक्तिगत प्रयोग प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही ड्यूटी के दौरान अपने कार्यालय एवं कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो/रील्स इत्यादि बनाने अथवा किसी भी कर्मचारी द्वारा अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर लाइव टेलीकास्ट करने से मना किया गया है। ड्यूटी के बाद भी वर्दी में किसी भी प्रकार की ऐसी वीडियो अथवा रील्स इत्यादि जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना प्रतिबंधित किया गया है।
सोशल मीडिया मोनेटाइजेशन के लिए लेनी होगी इजाजत
सोशल मीडिया पॉलिसी के मुताबिक, थाना/पुलिस लाइन/दफ्तर इत्यादि के निरीक्षण एवं पुलिस ड्रिल/फायरिंग में भाग लेने का लाइव टेलीकास्ट एवं कार्यवाही से सम्बन्धित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना भी प्रतिबंधित है। साथ ही अपने कार्यस्थल से सम्बन्धित किसी वीडियो/रील्स इत्यादि के जरिये शिकायतकर्ता से बातचीत का लाइव टेलीकास्ट/वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने की मनाही है। पुलिस कर्मचारियों को सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पैसे कमाने के लिए सरकार से इजाजत लेनी होगी।
सोशल मीडिया पर ये चीजें करने पर कोई प्रतिबंध नहीं
सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों को सामान्य नागरिक के रूप में वे सभी चीजें करने की आजादी रहेगी, जिसकी इजाजत उन्हें सरकारी नौकरी से जुड़े नियम देते हैं। पुलिस कर्मचारी सोशल मडिया पर अपनी अभिव्यक्ति के बारे में ‘निजी विचार’ का डिस्क्लेमर लगाकर पोस्ट वगैरह डाल सकते हैं। पुलिसकर्मियों द्वारा ‘सोशल मीडिया पॉलिसी’ के निर्देशों का पालन नहीं किये जाने की स्थिति में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही गई है।