नोएडा. नोएडा पुलिस ने मंगलवार को ‘यूट्यूबर’ एल्विश यादव को नोटिस भेजकर ‘रेव पार्टियो” में सांप के जहर के संदिग्ध इस्तेमाल की जांच में शामिल होने के लिए कहा. वहीं, उत्तर प्रदेश के मंत्री अरुण सक्सेना ने ‘यूट्यूबर’ एल्विश यादव से संबंधित मामले की जांच को लेकर कहा कि कोई भी हस्ती कानून से ऊपर नहीं है और इस प्रकरण में कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने उन पांच लोगों की हिरासत के लिए भी आवेदन किया है जिन्हें मामले में गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है. रियलिटी शो ‘बिग बॉस ओटीटी’ के विजेता यादव, रेव पार्टियों में सांपों के जहर के इस्तेमाल के संदिग्ध मामले को लेकर नोएडा पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में नामजद लोगों में से एक हैं.
मामले के बारे में पूछे जाने पर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सक्सेना ने कहा, “कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. कोई भी हस्ती, चाहे वह कितनी भी बड़ी हो, कानून से ऊपर नहीं है.” पुलिस ने बताया कि इस मामले में तीन नवंबर को पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले में यादव की कथित भूमिका की जांच की जा रही है.
पुलिस के अनुसार पार्टी के आयोजन स्थल एक बैंक्वेट हॉल से पांच कोबरा समेत नौ सांप बरामद किए गए थे, जबकि सांप का 20 मिलीलीटर संदिग्ध जहर भी जब्त किया गया था. नोएडा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां पुष्टि की कि मामले में जारी जांच में शामिल होने के लिए यादव को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41 के तहत नोटिस भेजा गया है. अधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा, “हमने मामले में उन पांच आरोपियों की पुलिस हिरासत भी मांगी है, जिन्हें पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था.”
अधिकारियों ने सोमवार को कहा था कि स्थानीय सेक्टर 49 थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसके प्रभारी उप निरीक्षक को हटा दिया गया है. यह मामला नोएडा के दूसरे थाने में स्थानांतरित कर दिया गया है. यादव (26) ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है और पुलिस जांच में सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की है.
यह मामला पशु अधिकार समूह पीएफए (पीपुल्स फॉर एनिमल्स) के एक अधिकारी की शिकायत पर दर्ज किया गया था. पीएफए की अध्यक्ष और भाजपा नेता मेनका गांधी ने यादव पर अवैध रूप से सांप का जहर बेचने में शामिल होने का आरोप लगाया है और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है. चार नवंबर को, राजस्थान के कोटा में पुलिस ने पूछताछ के लिए कुछ देर के लिए यादव को रोका था, जब वह अपने दोस्तों के साथ कार में यात्रा कर रहे थे. हालांकि जल्द ही उन्हें छोड़ दिया गया था.