नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन के दबदबे वाले समूह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सालाना शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दो दिन की यात्रा पर आज यहां पहुंचे जहां उनका गरमजोशी से स्वागत किया गया। उज्बेक प्रधानमंत्री शौकत मीरोमोनोविच मिरजियोएव विशेष सम्मान जताते हुए मोदी की आगवानी के लिए खुद ताशकंद हवाई अड्डा पहुंचे। आज से शुरू एससीओ के दो दिन के शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के साथ भारत को पूर्ण सदस्यता देने की प्रक्रिया का आगाज होगा।
बहरहाल, निगाहें चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ मोदी की द्विपक्षीय मुलाकात पर होगी। मोदी चीन के राष्ट्रपति सहित कुछ विश्व नेताओं के मुलाकात करेंगे । इस बातचीत के दौरान एनएसजी में भारत के दावेदारी का मुद्दा प्रमुखता से उठेगा। यह मुलाकात आज बाद में होगी जिसमें उम्मीद की जा रही है कि मोदी परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता पर चीन के समर्थन का आग्रह करेंगे। एनएसजी संवेदनशील परमाणु प्रौद्योगिकी तक पहुंच को नियंत्रित करता है। चीन ने एनएसजी में भारत के प्रवेश पर अपने विरोध का स्पष्ट तौर पर इशारा करते हुए कल एनएसजी के सदस्य देशों के बीच के मतभेदों को रेखांकित किया और कहा कि ‘अब भी इस मुद्दे पर पक्षों का समान रूख अपनाना बाकी है।’ बहरहाल, चीन ने कहा कि वह वार्ता में रचनात्मक भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री इस शिखर बैठक से इतर आज चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे जिस दौरान वह एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी को लेकर चीन का समर्थन मांग सकते हैं। चीन भारत की दावेदारी के विरोध में रहा है। एससीओ की बैठक के साथ ही सोल में एनएसजी की बैठक भी शुरू हो रही है। सोल की बैठक में एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत के आवेदन पर चर्चा हो सकती है। विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) सुजाता मेहता ने कल कहा, ‘एससीओ में भारत के शामिल होने की प्रक्रिया बुनियादी दस्तावेज पर हस्ताक्षर के साथ पूरी होगी। इस दस्तावेज को दायित्व पत्र (मेमोरेंडम ऑफ ऑब्लिगेशं) कहा जाता है।’