धर्मशाला। इसे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कहें, या फिर कोरोनाकाल लम्बा चलने के कारण विभाग के कर्मचारियों पर बढ़ता दबाव, जो अब बिना कोविड की जांच करवाने वालों की रिपोर्ट्स भी अब निगेटिव-पॉजीटिव आने लगी हैं। ताजा मामला कांगड़ा के ज्वालामुखी से जुड़ा हुआ है। कांगड़ा जिले में ज्वालामुखी के वार्ड 4 में एक 23 वर्षीय युवक ने आरोप लगाया है। जांच किए बिना ही उसे कोरोना पॉजिटिव घोषित कर दिया गया। युवक को कोरोना पॉजिटिव होने के सूचना मोबाइल में मिली।
इस युवक के पिता ने बताया कि उनका बेटा ज्वालाजी अस्पताल में 10 दिसम्बर को टेस्ट के लिए नाम दर्ज करवाने गया था, फिर वहां उससे कहा गया कि जब मोबाइल में मेसेज आए तो अस्पताल टेस्ट के लिए आना, लेकिन उनका बेटा किसी कार्य के कारण बाहर चला गया और टेस्ट नहीं करवा पाया। अब 14 दिसम्बर को उनके बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव बताई जा रही है और उन्हें तंग किया जा रहा है।
पूर्व पार्षद सूक्ष्म सूद ने बताया कि उन्होंने 10 लोगों के टेस्ट के लिए लिस्ट 10 दिसम्बर को ज्वालाजी अस्पताल को सौंपी थी, लेकिन टेस्ट 11 दिसम्बर को हुए। 3 लोग टेस्ट में शामिल नहीं हो पाए और जो लोग टेस्ट में शामिल नहीं हुए, उनमें से एक की रिपोर्ट पॉजिटिव और एक की रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई। ज्वालामुखी खंड चिकित्सा अधिकारी डा. प्रवीण कुमार ने मीडिया को बताया कि दोनों पक्षों का पता करने और हर तरफ जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है कि गलती कब और किससे हुई है। यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।