Monsoon: आधे से ज्यादा भारत आग के गोले जैसा तप रहा है। दिल्लीवालों का भी हाल बेहाल है। कई शहरों में पारा 50 डिग्री के पार जा चुका है। ऐसे में लोग अब बड़ी उम्मीद से मानसून (Monsoon) की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं। गली चौराहों पर दिनभर सन्नाटा पसरा रहता है। ऐसे में हर जगह बस एक ही चर्चा चल रही थी कि इस गर्मी से कब राहत मिलेगी? इस बीच मौसम विभाग (IMD) ने खुशखबरी देते हुए बताया है कि दक्षिण पश्चिम मानसून पूर्वानुमान से एक दिन पहले ही केरल तट और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी रहेंगी। इससे पहले IMD ने केरल में 31 मई तक मानसून के दस्तक देने का अनुमान जताया था।
कब मिलेगी राहत रेमल और पश्चिमी विक्षोभ बना मददगार
केरल और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून के एक साथ आने की उम्मीद है। इसी के साथ ही IMD ने बंगाल की खाड़ी में चक्रवात रेमल के कारण एक असामान्य घटना की भविष्यवाणी की। दरअसल आम तौर पर मानसून 1 जून तक केरल और कुछ दिनों बाद पूर्वोत्तर में पहुंच जाता है, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में गर्मी की स्थिति गुरुवार से कुछ कम होने की उम्मीद है। पूर्वोत्तर भारत के कुछ राज्यों में प्री मानसून बारिश हो रही है। असम में बाढ़ जैसे हालात हैं. अन्य राज्यों में हल्की फुल्की बारिश देखी गई।
क्या सच में 52.3 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था तापमान?
मौसम वैज्ञानिक उत्तर भारत के इस असामान्य गर्म मौसम के दौर के लिए कई बातों को जिम्मेदार बता रहे हैं। हीट इंडेक्स की चर्चा अब आम होने लगी है। बुधवार को भी मौसम विभाग ने दिल्ली के लिए लू का अलर्ट जारी किया था। कल दोपहर अचानक खबर आई कि दिल्ली में भीषण गर्मी ने सारा रिकॉर्ड उस वक्त तोड़ दिए जब मुंगेशपुर में दोपहर 2.30 बजे 52.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ। ये खबर सोशल मीडिया पर चंद मिनटों में वायरल हो गई। हालांकि बाद में मौसम विभाग की इस पर सफाई आई कि सेंसर में गड़बड़ी के चलते रिकॉर्ड हुआ ज्यादा तापमान। आगे से ऐसा न हो इसलिए IMD अब डेटा और सेंसर की जांच करा रहा है।
हालांकि बुधवार की शाम चार बजे करीब दिल्ली और एनसीआर में मौसम ने अचानक पलटी मारी और हल्की फुल्की बारिश से पारे ने गोता लगाया और लोगों ने प्रचंड गर्मी से कुछ राहत महसूस की।
मानसून की तारीख
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से गुजरे चक्रवात रेमल ने मानसून के प्रवाह को बंगाल की खाड़ी की ओर खींच लिया है, जो पूर्वोत्तर में मानसून के जल्दी आने का एक कारण हो सकता है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार केरल में पिछले कुछ दिन से भारी बारिश हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप मई में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम में मानसून के आगमन की सामान्य तिथि पांच जून है।
आईएमडी ने कहा, इस अवधि के दौरान दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों, मालदीव, कोमोरिन, लक्षद्वीप के शेष हिस्सों, दक्षिण-पश्चिम और मध्य बंगाल की खाड़ी, उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।
कब होती है मानसून की घोषणा?
आईएमडी केरल में मानसून के आगमन की घोषणा तब करता है, जब 10 मई के बाद किसी भी समय केरल के 14 केंद्रों और पड़ोसी क्षेत्रों में लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी या उससे अधिक वर्षा होती है, आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) कम होता है और हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिमी की ओर होती है।
गर्मी से राहत पाने के लिए ज्यादातर लोग बेसब्री से मानसून का इंतजार कर रहे हैं। देश के कुछ हिस्सों में मानसून ने दस्तक देनी शुरू भी कर दी है।