लखनऊ। पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ लखनऊ के सीजेएम कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। धनंजय सिंह पर हत्याकांड की साजिश रचने का आरोप है।
लखनऊ के विभूतिखंड इलाके में पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की 6 जनवरी को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस की जांच में दावा किया गया था कि पूर्व सांसद ने शूटरों की मदद की थी। वहीं, वारदात के मुख्य शूटर गिरधारी विश्वकर्मा को पिछले रविवार को ही पुलिस एनकाउंटर में मार दिया गया था।
जानकारी के मुताबिक एनकाउंटर में मारे गए गिरधारी से धनंजय की नजदीकियां पाई गई हैं। सीजेएम कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए हैं। लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह को आईपीसी 302, 307 समेत अन्य धाराओं में आरोपी बनाया है।
लखनऊ पुलिस ने एनकाउंटर में अजीत सिंह हत्याकांड के मुख्य सूत्रधार और शूटर गिरधारी को रविवार को मार गिराया था। रिमांड पर आया गिरधारी पुलिस अभिरक्षा से फरार होने की कोशिश में मारा गया है। यह एनकाउंटर विभूति खंड थाना क्षेत्र में हुआ। नाटकीय ढंग से दिल्ली में सरेंडर करके गिरधारी बच गया था, लेकिन देर रात उसका ‘विकास दुबे स्टाइल’ में एनकाउंटर हो गया।
बता दें कि कुछ दिनों ही लखनऊ के विभूतिखंड के कठौता चौराहे पर मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। घायल अजीत सिंह और उसके साथी मोहर सिंह को लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां डॉक्टरों ने अजीत सिंह को मृत घोषित कर दिया था। इस हत्याकांड के पीछे गैंगवार वजह बताई जा रही थी।
कैसे हुआ गिरधारी का एनकाउंटर
अजीत सिंह की हत्या के मुख्य सूत्रधार और शूटर गिरधारी की तलाश में यूपी पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही थी, लेकिन नाटकीय ढंग से गिरधारी ने दिल्ली में सरेंडर कर दिया था। इसके बाद गिरधारी को लखनऊ लाया गया और रविवार रात पुलिस हत्या में इस्तेमाल असलहे की बरामदगी के लिए उसे विभूतिखंड लेकर गई।
लखनऊ पुलिस का दावा है कि जब पुलिस के जवान गिरधारी को गाड़ी से उतार रहे थे, तब गिरधारी ने सब इंस्पेक्टर अख्तर उस्मानी की पिस्टल छीन ली, पिस्टल छीनने के बाद वह भागने की कोशिश करने लगा, मौके पर कई थानों की पुलिस पहुंच गई, खुद को पुलिस से घिरा देखते हुए गिरधारी ने फायरिंग शुरू कर दी, जवाबी कार्रवाई में गिरधारी घायल हो गया।