कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। शहर के जाजमऊ इलाके में मंगलवार को शहर के काजी ने डीजे-बैंड और आतिशबाजी देखने के बाद निकाह पढ़ाने से इनकार कर दिया। काजी ने इसे शरीयत (धार्मिक कानूनों) के खिलाफ बताया और निकाह पढ़ाने से मना कर दिया। बाद में जब दूल्हे के परिवार ने अपने आचरण के लिए माफी मांगी तो तब वह ‘निकाह’ करने के लिए सहमत हुए। करीब दो घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा।
तलाक महल क्षेत्र के एक व्यापारी के बेटे की शादी मंगलवार को जाजमऊ क्षेत्र की एक लड़की से होनी थी। बारात के साथ एक बैंड भी आया और आतिशबाजी भी हुई। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, ‘जब बारात विवाह स्थल पर पहुंची, तो डीजे-बैंड बजने लगा और आतिशबाजी हुई जिससे शहर काजी मौलाना मुश्ताक मुशाहिदी परेशान हो गए और उन्होंने शादी करने से इनकार कर दिया। मामला क्षेत्र के वरिष्ठ सदस्यों तक पहुंचा, जिन्होंने दूल्हे के परिवार और डीजे संगीत पर नाचने वाले मेहमानों से माफी मांगी।’
काजी ने कहा, ‘बैंड-डीजे और आतिशबाजी गैर-इस्लामिक हैं, इसके अलावा यह पैसे की बर्बादी भी है। घंटों माफी मांगने के बाद मैं निकाह करने के लिए तैयार हुआ। जहां भी ऐसी घटना होगी, मैं शादी नहीं करूंगा।’ आपको बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देश में मुसलमानों के लिए एक नया निकाहनामा जारी किया था जिसने मार्च 2021 में समारोहों की श्रृंखला पर प्रतिबंध लगा दिया था। 11 सूत्रीय निकाहनामा ने मुस्लिम समुदाय को ‘मांझा’ (हल्दी समारोह) और शादी की बारात, डीजे, नृत्य, आतिशबाजी और दहेज जैसी अन्य “गैर-इस्लामी” परंपराओं जैसे समारोहों को प्रतिबंधित कर दिया था।