फटाफट डेस्क। शादी से पहले पति पर रेप का झूठा आरोप लगाने वाली एक महिला पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने कहा है कि कानून प्रणाली पहले से ही केसों के बोझ से जूझ रही है और इस तरह से कानून का दुरुपयोग करना कीमती वक्त को बर्बाद कर रहा है। ऐसे झूठे केसों के चलते वास्तविक मामलों के निपटारे पर असर पड़ता है, इसलिए कथित पीड़िता पर 10 हज़ार का जुर्माना लगाया जाता है।
दरअसल, सलमान उर्फ मुहम्मद सलमान के खिलाफ एक महिला ने रेप का झूठा आरोप लगाकर एफआईआर लिखा दी थी। बाद में महिला ने उसी युवक से शादी कर ली। कोर्ट ने आरोपी पति की याचिका पर विचार करते हुए एफआईआर रद्द करने के आदेश दिए हैं और झूठी एफआईआर लिखाने वाली महिला पर 10 हज़ार का जुर्माना लगाया है। ये आदेश जस्टिस अंजनी कुमार मिश्रा और जस्टिस दीपक वर्मा की पीठ ने दिया है।
महिला ने शादी से पहले कराई एफआईआर में आरोप लगाया था कि शादी का वादा कर युवक ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और फिर मुकर गया। हालांकि, इसके कुछ दिनों बाद दोनों ने समझौता कर लिया और एक-दूसरे से शादी भी कर ली। इसके बाद महिला ने जांच अधिकारी के पास पहुंचकर समक्ष आवेदन दायर कर कहा, कुछ लोगों ने दोनों के बीच दरार पैदा कर दी थी। इस कारण लिखाई गई एफआईआर को रद्द कर दिया जाए।
वहीं, एफआईआर रद्द कराने के लिए दिए गए आवेदन में महिला ने स्पष्ट कहा है कि सलमान और उसके बीच किसी भी तरह का शारीरिक संबंध नहीं था, वह केवल उससे प्यार करती थी। कोर्ट ने इस पॉइंट को नोट कर कहा कि शिकायत करने वाली महिला ने स्वीकार किया है कि उसके लगाए रेप के आरोप झूठे और निराधार हैं और ऐसा लगता है कि शादी का दबाव बनाने के लिए झूठी एफआईआर लिखाई गई है। कोर्ट ने झूठी और आधारहीन एफआईआर लिखाने के लिए शिकायतकर्ता पर 10 हज़ार का जुर्माना लगाया दिया है और लिखाई गई एफआईआर को रद्द करने के लिए कहा है।