बिहार में बेखौफ अपराधियों का हौसला इस कदर बढ़ गया है कि अब जनप्रतिनिधियों को भी धमकी देने से बाज नहीं आ रहे। मुजफ्फर जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां पारू के बीजेपी विधायक अशोक कुमार सिंह को जान से मारने की धमकी दी गई है। इस मामले को लेकर विधायक ने सरैया थाना में एफआईआर (FIR) दर्ज कराई है। बताया जा रहा है कि इस केस में एक अज्ञात को आरोपी बनाया गया है। सरैया थाने को दिये अपने आवेदन में विधायक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि 15 अगस्त की शाम करीब पांच बजे एक अपरिचित मोबाइल नंबर से अज्ञात व्यक्ति ने उनके मोबाइल पर कॉल किया। सामने वाले ने इसके बाद गाली-गलौज शुरू कर दी। जब कॉल करने वाले से नाम पूछा तो जान से मारने की धमकी देने लगा। बोलने लगा कि जब गोली मारेंगे तब सब पता चल जाएगा।
विधायक ने बताया कि इसके बाद उस नंबर से उनके मोबाइल नंबर पर बार-बार कॉल आने लगा और यही बात दोहराता भी रहा। इस मामले में एसएसपी जयंतकांत ने बताया है कि पुलिस इसकी जांच कर रही है और शीघ्र ही धमकी देने वाले की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं, सरैया थानाध्यक्ष रविन्द्र कुमार यादव ने अपने बयान में कहा कि एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
सरैया एसडीपीओ राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि मामले की जांच जारी है और जल्द ही मोबाइल नंबर एवं फोन करने वालों को ट्रेस कर कार्रवाई की जाएगी। विधायक प्रतिनिधि सर्वेश पटेल के अनुसार स्वतंत्रता दिवस के झंडोत्तोलन के बाद विधायक शाम में अपने आवास लौट गए थे। इसी दौरान पहले सरकारी मोबाइल नंबर पर फोन आया। फिर निजी नंबर पर फोन आया। इधर से फोन काटने के बाद भी लगातार फोन कर धमकी दिया जाता रहा।
बता दें कि अशोक कुमार सिंह वही विधायक हैं जिन्होंने कोरोना काल में तब मिसाल पेश की थी जब एक कोरोना मरीज की मौत के बाद परिजनों ने दाह संस्कार करने से मना कर दिया था।।मामला कूछ यूं है कि बेरूआ पंचायत के पगहियां में योगेंद्र सिंह की कोरोना से मौत हो गई थी। स्वजनों व ग्रामीणों ने दाह संस्कार करने से मना किया तो मृतक की अर्थी को नाबालिग पुत्र के साथ और पारू विधायक अशोक कुमार सिंह, बीडीओ डॉ.बीएन सिंह, सेवानिवृत्त सैनिक व समाजसेवी किशोर कुणाल ने कंधा दिया और अंतिम संस्कार करवाया था।