नई दिल्ली। आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा संकेत दे दिया है। उन्होंने कहा कि 2024 के लिए पूरा विपक्ष एकजुट हो जाए। उन्होंने कहा- हम रहें न रहें लेकिन जो 2014 में आए वो 2024 में नहीं रहेंगे। नीतीश कुमार ने बीजेपी पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा-‘ 2015 में जब हम महागठबंधन में लड़े थे तो सीटों की क्या स्थिति थी और 2020 में चुनाव लड़े तो क्या स्थिति रही, ये तो सबके सामने है।’
नीतीश कुमार ने आठवीं बार ली सीएम की शपथ
नीतीश कुमार ने आज आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में नीतीश कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने दूसरी बार उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राजद, उस महागठबंधन का नेतृत्व कर रही है, जिसने मंगलवार को कुमार को अपना नेता चुना था। जदयू और राजद के अलावा नए मंत्रिमंडल में कांग्रेस के नेताओं के भी शामिल होने की उम्मीद है। वामपंथी दलों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने बाहर से नई सरकार का समर्थन करने का इरादा व्यक्त किया है।
नीतीश कुमार के मंगलवार को इस्तीफा देने और महागठबंधन के समर्थन से नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता से बेदखल हो गई। कुमार ने पहली बार 2000 में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जब उन्होंने केवल एक सप्ताह तक चलने वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का नेतृत्व किया था। राजग गठबंधन के 2005 में विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद संभाला। इसके बाद 2010 में राजग ने पांच साल बाद विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में शानदार जीत हासिल की और कुमार तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। हालांकि, कुमार ने 2014 में लोकसभा चुनाव में जदयू की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था, लेकिन एक साल से भी कम समय में उन्होंने वापसी की और उन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
2015 में कुमार राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल कर मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने जुलाई 2017 में राजद के साथ असंगत मतभेदों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, 24 घंटे से भी कम समय में फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर उन्होंने भाजपा के साथ एक नई सरकार बनाई। कुमार ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नवंबर में सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।