मध्यप्रदेश के जबलपुर में एसटीएफ पुलिस ने करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले सरगना रूपिंदर पाल सिंह छाबड़ा को गिरफ्तार किया है। छाबड़ा सहित उसका गिरोह कुछ विदेशी लोगों से ठगी का हुनर सीख कर 26 देशों में 8 हजार लोगों के साथ ठगी कर चुका है। गिरोह ने जबलपुर के अलावा भोपाल, रायपुर, मुंबई, चंडीगढ़, दिल्ली, जालंधर, अमृतसर और दिल्ली सहित कई शहरों में अपना नेटवर्क तैयार किया था। आरोपी एक सदस्य बनाने पर 30% तक कमीशन का लालच देता था।
लोगों को ठगने के लिए वे क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर मुनाफा कमाने का लालच देते थे। मिलने वाली रकम को उन्होंने अय्याशी में उड़ाया या फिर प्रापर्टी खरीदी। मदनमहल निवासी रूपिंदर पाल सिंह छाबड़ा के गिरोह में भोपाल निवासी राजीव शर्मा, जबलपुर शक्ति नगर निवासी ब्रजेश रैकवार, उसकी पत्नी सीमा, विनीत यादव और वर्ली मुंबई निवासी रूपेश राय शामिल था। हांगकांग निवासी केविन और मलेशिया के डेनियल फ्रांसिस से साठगांठ कर गिरोह ठगी का धंधा चला रहा था।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार का नाम देकर पीजीयूसी-प्लस, गोल्ड यूनियन क्वाइनइ के नाम से वेबसाइट बनाई। एसटीएफ ने 2019 में गिरोह का खुलाया किया था। जिसमें 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी सामने आई थी। बताया जाता है कि क्रिप्टो करेंसी ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है। इस स्वतंत्र मुद्रा का कोई मालिक नहीं होता। यह डिजिटल करेंसी होती है जिसका उपयोग किसी सामान की खरीदी या किसी तरह की सेवा को खरीदने में हो सकता है।