छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से एक शख्स ने शहर की सरकारी जमीन पर पेट्रोल पंप के निर्माण पर रोक लगाने और अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई। लेकिन कोरोबारी ने विवादित जमीन पर याचिका पर सुनवाई के दौरान ही पेट्रोल पंप का निर्माण पूरा कर लिया है।वहीं अब याचिकाकर्ता ने सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की मांग की है।
छग हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में शुक्रवार को जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। वहीं याचिकाकर्ता ने अपने वकील के माध्यम से न्यालय को बताया कि सुनवाई के दौरान ही शासकीय जमीन पर अतिक्रमण करते हुए कारोबारी ने पेट्रोल पंप का निर्माण कर लिया है। इस बीच सभी पक्षकारों ने अपना जवाब भी कोर्ट के समक्ष पेश कर दिया है। डिवीजन बेंच ने कहा कि सभी पक्षाें का जवाब पेश हो गया है।
मामले की अंतिम सुनवाई के लिए कोर्ट ने अगस्त के अंतिम सप्ताह की तिथि तय की है। रायगढ़ निवासी रविशंकर ने वकील वस्र्ण शर्मा के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि जिले के साल्हेबारा गांव में एक निजी कारोबारी द्वारा नहर की जमीन को पाटकर पेट्रोल पंप बनाया जा रहा था। जल संसाधन विभाग की आपत्ति के बाद कारोबारी ने उक्त जमीन का डायवर्सन करा लिया।
राजस्व अधिकारियों ने जब इस मामले की जांच की और उन्होंने इसे निजी जमीन बता दिया। याचिका के अनुसार शिकायत के बाद भी कलेक्टर ने एनओसी जारी कर दिया है। जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कारोबारी ने पेट्रोल पंप का निर्माण भी पूरा कर लिया है।
उच्च न्यालय ने सुनवाई के दौरान राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे। शुक्रवार को जनहित याचिका पर कार्यकारी चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सभी पक्षों ने अपने वकील के जरिए जवाब पेश कर दिया है। डिवीजन बेंच ने अंतिम सुनवाई के लिए अगस्त के अंतिम सप्ताह की तिथि तय की है।