आस्था और अंधविश्वास के चलते तीन लोगों की मौत हो गई। बेटे की मौत चार माह पहले हो गई और अब बेटी ने भी दम तोड़ दिया है। मां ने इसके बाद फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मामला हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में रिपोर्ट हुआ है। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।
जानकारी के अनुसार, चंबा के अति दुर्गम क्षेत्र पांगी की रेई पंचायत के मझरौऊ गांव में दो बच्चों की मौत के बाद मां ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। दो दिन पहले बेटी सुनीता की मेडिकल कॉलेज चंबा में मौत हो गई थी। पुलिस ने घर से महिला सहित उसके बेटे का भी शव बरामद किया है। स्थानीय लोगों ने बताया बेटे प्रेम जीत की मौत चार-पांच माह पहले हो गई थी, लेकिन उसका अंतिम संस्कार नहीं किया गया। अंधविश्वास के कारण मां ने शव घर में रखवाया हुआ था। अंधविश्वास के चलते परिवार तीन चार साल से गांव से कट गया था और पूरी रेई पंचायत में किसी भी घर में आना जाना नहीं था।
पांगी के मुख्यालय किलाड़ से 40 किलोमीटर दूर रेई पंचायत में 42 वर्षीय प्यार देई पत्नी बेदब्यास खुद को माता का रूप मानती थी। सोमवार को चंबा मेडिकल कॉलेज में उसकी उन्नीस साल की लड़की सुनीता की मृत्यु हो गई थी। प्यार देई का पति बेदब्यास रविवार को लड़की को इलाज करवाने के लिए चंबा ले गया था। प्यार देई ने कब फंदा लगा लिया, इसकी जानकारी किसी को नहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट कहती है कि बेद ब्यास जब वह घर से बेटी सुनीता और अनिता को इलाज के लिए लेकर गया था, उस समय उसका बेटा प्रेम जीत कोमा में था और पत्नी ठीक थी। फिलहाल, पुरे इलाके में घटना के बाद सनसनी फैली हुई और मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है।